Hanuma vihari reveals How Indian team made comeback after Drastic loss against Australia in Adelaide: नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज (Border Gavaskar Test Series) में भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और विषम परिस्थितियों के बावजूद कंगारू टीम को 2-1 से हराकर सीरीज को दोबारा अपने नाम करने का कारनामा किया। इस सीरीज के दौरान भारतीय टीम को लगातार अपने खिलाड़ियों को चोट के चलते बाहर होते देखना पड़ा, हालांकि इसके बावजूद टीम ने जीत का जज्बा नहीं छोड़ा और वो कर के दिखाया जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था।
वहीं सीरीज से भारत वापस लौटने के बाद खिलाड़ी इस समय अपने परिवार के साथ जुड़ रहे हैं। वहीं सिडनी टेस्ट में भारत को अहम ड्रॉ मैच कराने वाले हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) नेखुलासा किया कि कैसे भारतीय टीम ने एडिलेड में खेले गये पहले टेस्ट में मिली शर्मनाक हार के बाद वापसी की।
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एडिलेड में खेले गये पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 2 दिन काफी आगे थी, हालांकि दूसरी पारी में पूरी टीम महज 36 रन पर ऑल आउट हो गई और मैच को 8 विकेट से हार गई। इस हार के बाद किसी को भी नहीं लग रहा था कि भारतीय टीम वापसी कर सकेगी और ऐसी वापसी का तो सवाल ही नहीं उठता।
हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने इस बारे में बात करते हुए कहा,'आपको शायद विश्वास नहीं होगा लेकिन एक टीम के रूप में हमने एडिलेड टेस्ट मैच के बाद एक बार भी उसे लेकर बात नहीं की। हमने सिर्फ वो महसूस किया जो शायद पहले कभी नहीं महसूस किया था। मुझे नहीं लगता कि यह अब दोबारा कभी होगा। वह एक डरावनी पारी थी, इसलिये हमने निर्णय लिया कि हम आगे बढ़ते हैं और इसे 3 मैचों की सीरीज मानते हैं। अब आप इसे हमारे नजरिये से देखें तो उसके बाद हमने 2 मैच जीते और एक ड्रॉ कराया और 2-0 से सीरीज जीते। हमने लड़ने का जज्बा दिखाया और हार नहीं मानी, यही तो भारतीय टीम की निशानी है।'
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भारतीय टीम के लिये सिडनी के मैदान पर खेले गये तीसरे टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाने वाले हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) का मानना है कि एससीजी में चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत के आउट हो जाने के बाद जीत की कोई आस नहीं बची थी। इस वजह से अश्विन और उन्होंने मैच को ड्रॉ के लिये खेलना शुरू किया।
उल्लेखनीय है कि इस पारी के दौरान अश्विन-विहारी (Hanuma Vihari) की जोड़ी ने 258 गेंदे खेली और हाथ से दूर जा रहे मैच को वापस अपनी मुट्ठी में कर ड्रॉ कराया। आपको बता दें कि 1980 के बाद पहली बार हुआ था जब भारतीय टीम ने मैच को ड्रॉ कराने के लिये 131 ओवर्स तक बल्लेबाजी की।