जब दिल्ली के गुरुद्वारे में गुजारी थी रात
रुड़की के रहने वाले ऋषभ पंत जब दिल्ली आये तो उनके पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं था, आलम यह रहा कि अपने शुरुआती दिनों में ऋषभ पंत ने गुरुद्वारे में रहकर दिन गुजारे, मुश्किल परिस्थितियों में हार न मानने की कला शायद पंत ने यहीं रहकर सीखी होगी।
पिता की मौत के बाद ऐसे की क्रिकेट में वापसी
खेल के प्रति ऋषभ पंत के समर्पण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब साल 2017 में उनके पिता का देहांत हो गया तो वह आईपीएल में दिल्ली के लिए खेल रहे थे। पिता की मौत के बाद ऋषभ ने ना सिर्फ खुद को संभाला बल्कि परिवार को मुश्किल घड़ी में ढांढस बंधाया और अंतिम संस्कार करने के 2 दिन बाद दिल्ली की टीम से वापस जुड़े और मैच खेला। मैदान पर उन्होंने 33 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर अपने पिता को श्रद्धांजलि दी।
अपने आदर्श महेंद्र सिंह धोनी को भी छोड़ा पीछे
अपने आदर्श महेंद्र सिंह धोनी के बाद टीम इंडिया में उनकी जगह लेने की जिम्मेदारी ऋषभ पंत के कंधों पर है। ऐसे में ऋषभ इसे बखूबी निभाने की कोशिश भी कर रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में 50 बल्लेबाजों को सबसे तेजी से आउट करने के मामले में अपने आदर्श एमएस धोनी को भी पीछे छोड़ दिया है। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बनें। ऋषभ पंत ने यह कमाल महज 11 टेस्ट पारियों में किया जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने 15 टेस्ट मैच में यह आंकड़ा छुआ था। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी एक टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा कैच पकड़ने वाले विकेटकीपर का विश्व रिकॉर्ड ऋषभ पंत ने अपने नाम किया था, इस मैच में ऋषभ पंत ने 11 ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के कैच लपके थे।
शुरुआत नहीं रही है खास, फिर भी नहीं मानी हार
ऋषभ पंत ने 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंगम में छक्का लगाकर अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था। उन्होंने टेस्ट डेब्यू में 25 रन (पहली पारी में 24 और दूसरी पारी में 1) बनाए थे। उनके नाम इस फॉर्मेट में अब तक 2 शतक और 2 अर्धशतक जड़े हैं। वनडे डेब्यू मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था जबकि टी20 इंटरनैशनल डेब्यू में वह 5 रन बनाकर नाबाद लौटे।
ऋषभ पंत ने अभी तक 11 टेस्ट, 12 वनडे इंटरनैशनल और 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने टेस्ट में 754 रन, टी20 इंटरनैशनल फॉर्मेट में 325 और वनडे में 22.90 की औसत से 229 रन बनाए हैं।