साउथ अफ्रीका के खिलाफ जबरदस्त वापसी-
यादव ने 2010 में अपनी शुरुआत की और नियमित रूप से 140 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति करने के कारण यह गेंदबाज चर्चाओं में आया। यादव ने 43 टेस्ट में 130 विकेट दर्ज किए हैं, जबकि एकदिवसीय मैचों में, उनके 75 मैचों में 106 विकेट हैं। भारत के सबसे मजबूत तेज गेंदबाजों में शुमार उमेश ने हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों में ही 12.18 के औसत के साथ 11 विकेट हासिल किए। लंबे समय से टीम से बाहर रहे यादव के लिए यह जबरदस्त वापसी है। उमेश यादव के जन्मदिन के मौके पर हम उनके करियर के सबसे घातक चार स्पैल की बात करेंगे।
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में पहली बार 5 टेस्ट विकेट-
2011-12 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारत के लिए उमेश यादव ने बड़ी सफलता हासिल की। तीसरे टेस्ट में, दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने जान के साथ गेंदबाजी की और रिकी पोंटिंग और शॉन मार्श जैसे बल्लेबाजों को एक नहीं चलने दी। इस मैच में, यादव ने टेस्ट में अपना पहला पांच विकेट भी हासिल किया। हालांकि, भारत बल्ले से संघर्ष करने में नाकाम रहा और एक पारी और 37 रनों से मैच हार गया।
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मेलबर्न में बांग्लादेश के खिलाफ विश्व कप क्वार्टर फाइनल
उमेश ने 2015 विश्व कप के महत्वपूर्ण क्वार्टर फाइनल में शानदार स्पेल डाला और टीम इंडिया की जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका अदा की। ऐसी पिच पर जहां भारतीय बल्लेबाजों ने 302 रन बनाए, यादव ने बांग्लादेशी बल्लेबाजी क्रम की बखिया उधेड़ दी और नियमित अंतराल पर विकेट लिए। इसके साथ ही, तेज गेंदबाज ने रन प्रवाह को भी रोक दिया और उन्होंने अपने नौ ओवरों में सिर्फ 32 रन दिए। नतीजतन, बांग्लादेश 193 रनों पर ढेर हो गया और 109 रनों से मैच हार गया।
एंटीगुआ में वेस्टइंडीज के खिलाफ यादव ने बिखेरी चमक
भारत के 2016 के वेस्टइंडीज दौरे के पहले टेस्ट में यादव की एक और चमकदार परफारमेंस आई। जिस विकेट पर भारतीय बल्लेबाजों ने 566 रन बनाए, पेसर ने मेजबानों को चकमा दिया और अपनी पहली पारी में चार विकेट लिए। नतीजतन, वेस्टइंडीज अपनी पहली पारी में 243 रन पर ढेर हो गए और उनकी दूसरी पारी में एक और निराशाजनक प्रदर्शन ने उन्हें एक पारी और 92 रनों से हरा दिया।
हैदराबाद टेस्ट में 10 विकेट
इस पेसर ने वेस्टइंडीज के 2018 के भारत दौरे के दूसरे टेस्ट में एक नहीं बल्कि दो सनसनीखेज स्पैल डाले। मैच के दूसरे ओवर में शार्दुल ठाकुर के चोटिल होने के कारण, यादव टेस्ट में भारत के एकमात्र तेज गेंदबाज थे, लेकिन विपक्ष के लिए वे अकेले ही भारी पड़े। वेस्ट इंडीज की पहली पारी में पेसर ने छह विकेट लिए और इसके बाद दूसरे विकेट के लिए चार विकेट लिए। यादव के 10 विकेट महत्वपूर्ण साबित हुए क्योंकि भारत ने 10 विकेट से मैच जीता और श्रृंखला 2-0 से जीत ली।