हरभजन ने किया खुलासा, मैच खेलने के बावजूद नहीं देख पाया था ऐतिहासिक पारी
हरभजन सिंह ने कोलकाता के ईडन गार्डन्स के मैदान पर 2001 में खेले गये इस मैच के बारे मे बात करते हुए कहा कि मुझे अच्छे से याद है। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 1 विकेट खोकर 193 रन बना लिये थे और मैथ्यू हेडन (97) की ताबड़तोड़ पारी से उसका खेल और शानदार हो रहा था।
उन्होंने कहा,' हमारे दिमाग में साफ था कि अगर इस मैच में हमने विकेट जल्दी नहीं निकाले तो हमारा वही हाल होगा जो मुंबई में खेले गये पहले मैच में हुआ था। मेरी हैट्रिक ने टीम की वापसी कराई लेकिन स्टीव वॉ (10) की जुझारू पारी की वजह से ऑस्ट्रेलिया 445 रन तक पहुंच गया।'
उन्होंने बताया कि दूसरी पारी में भी हमारी शुरुआत खराब रही और तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से मैं राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की वो ऐतिहासिक पारी नहीं देख पाया।
सचिन तेंदुलकर की वजह से ड्रेसिंग रूम के अंदर रहना पड़ा
हरभजन सिंह ने बताया कि दूसरी पारी में भी भारत की शुरुआत खराब रही लेकिन राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की साझेदारी ने हमें संभाल लिया।
उन्होंने कहा,' मुझे याद है दूसरी पारी में भी हमारे विकेट गिर रहे थे लेकिन तभी राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण के बीच एक साझेदारी बनती दिखी। इसे देखकर सचिन तेंदुलकर ने फैसला लिया कि जो जहां बैठा है वहीं बैठे रहेंगे। ऐसा करने पर हमारा वो सत्र बिना विकेट के निकल गया। हमने दूसर दिन भी यही किया और उस पूरी साझेदारी के दौरान हम ड्रेसिंग रूम में अपनी सीट से हिले भी नहीं थे। मेरी किस्मत खराब थी कि मैं उस दौरान ड्रेसिंग रूम के अंदर बैठा था जिसके चलते मैं लक्ष्मण की उस ऐतिहासिक पारी की एक भी गेंद नहीं देख पाया था।'
सौरव गांगुली को भी तौलिये में बैठना पड़ा था
हरभजन सिंह ने बताया कि जब वीवीएस लक्ष्मण का शतक पूरा हुआ तो वह बस ताली बजाने के लिये ड्रेसिंग रूम से बाहर आये थे लेकिन अगली गेंद फेंके जाने से पहले वापस अपनी जगह पर जाकर बैठ गये।
उन्होंने कहा,'मुझे अच्छे से याद है कि दादा (सौरभ गांगुली) ने अपनी टी-शर्ट निकाली थी और टॉवेल को कंधे पर रखा था। अगले दिन वह उसी तरह टी-शर्ट में आए थे और वॉर्म-अप के बाद मैच शुरू होने पर वह पिछले दिन की ही तरह उसे निकालकर टॉवेल को कंधे पर रखकर बैठे थे।'
द्रविड़ ने ऐसे मनाया जश्न जैसे खुद की हैट्रिक हो
गौरतलब है कि हरभजन सिंह ने इस मैच के दौरान हैट्रिक ली थी और टेस्ट क्रिकेट में ऐसा करने वाले पहले गेंदबाज बने थे। अपनी हैट्रिक को याद करते हुए हरभजन ने कहा कि जैसे ही मेरी हैट्रिक पूरी हुई राहुल द्रविड़ ने ऐसे जश्न मनाया जैसे कि यह मेरी नहीं उनकी खुद की हैट्रिक हो।
उन्होंने कहा,'मुझे याद है जब शार्ट लेग पर खड़े एस. रमेश ने शेन वॉर्न का शानदार कैच पकड़ा और मेरी हैट्रिक पूरी हुई तो राहुल द्रविड़ ने जश्न मनाते हुए उन्हें गले से लगा लिया, लगा जैसे कि यह हैट्रिक मैने नहीं उन्होंने ही ली थी। शायद इसलिये भी क्योंकि एस रमेश अच्छे फील्डर्स में नहीं गिने जाते थे।'
मुश्किल से टीम में चुने गये थे हरभजन सिंह
सीरीज में धांसू प्रदर्शन करने वाले भज्जी ने बताया कि इस सीरीज से पहले एनसीए में हुए एक अनचाहे मामले में आने की वजह से बीसीसीआई मुझे टीम में नहीं चाहती थी। लेकिन कप्तान सौरभ गांगुली टीम में एक स्पिनर चाहते थे तो मैनेजमेंट ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा करने वाले स्पिनरों को कैंप के लिए बुलाया, जिसमें मैं भी शामिल था। उन्होंने देखा कि सभी में मैं अच्छा कर रहा था तो मुझे मौका मिला और मैंने 4 मैचों में कुल 28 विकेट झटक डाले थे।