नई दिल्ली। एक तरफ अभी आईपीएल की धूम मची है वहीं दूसरी तरफ इस सीरीज के खत्म होने के बाद भारत के होने वाले अगले मुकाबलों की लिस्ट भी जारी हो चुकी है। अफगानिस्तान के साथ टेस्ट मैच के साथ-साथ भारत को इस साल के अंत में दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भी जाना है। जहां ऑस्ट्रेलिया लंबे समय से बीसीसीआई को मनाने में जुटा है की भारत उसके साथ एक मैच गुलाबी गेंद के साथ डे नाइट का खेले। भारत ने पहले ही अपनी स्थिति इस बाबत स्पष्ट कर दी थी की वो अभी इस तरह के मुकाबलों के लिए तैयार नहीं है। इसी बीच सीओए के चीफ विनोद राय ने बोरिया मजूमदार की एक पुस्तक के विमोचन अवसर पर कहा की भारत तब तक ऐसे मुकाबले नहीं खेलेगा जब तक उसके खिलाड़ी इसके लिए तैयार न हों। उन्होंने स्पष्ट किया की मैच हमेशा जीतने के लिए ही खेला जाता है और इसमें कोई बुराई नहीं है। अब जबकि भारत की तरफ से स्थिति स्षष्ट हो चुकी है ऐसे में हरभजन सिंह ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा की मुझे लगता है की हमें इस खेल को जरूर खेलना चाहिए।
हरभजन ने कुछ यूं रखी अपनी बातः हरभजन सिंह ने सवालिया अंदाज में पूछा की आखिर भारत को डे नाईट टेस्ट क्यों नहीं खेलना चाहिए। इसके आगे हरभजन ने कहा की हमें इस खेल के साथ सामंजस्य बिठाना ही होगा क्योंकि हो सकता है हम इसे जितना कठिन समझ रहे हों वो इतना कठिन न हो। जब हरभजन से सवाल किया गया की आखिर ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों का सामना करने में क्या कोई दिक्कत नहीं आएगी तो उन्होंने कहा की अगर मान लीजिए की हम आउट भी हो जाते हैं तो क्या होगा। हमारे तेज गेंदबाज भी उन्हें आउट कर सकते हैं। उन्होंने कहा की जब हम क्रिकेट में नए थे तो एसजी गेंद से ही खेलना जानते थे लेकिन अब कूकाबुरा और ड्यूक से भी आसानी से खेल लेते हैं। हरभजन ने इंग्लैंड का उदाहरण देते हुए कहा की हम वहां बादल छाए रहने के बावजूद भी वहां जाकर क्रिकेट खेलते हैं तो आखिर इस चुनौती को स्वीकार करने में क्या समस्या है। भज्जी ने कहा की जिंदगी सीखने का नाम है और हमें नए प्रारूपों को स्वीकार करते रहना चाहिए।