नई दिल्ली। भारतीय टीम इस समय अगर विदेशों में टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रही है तो उसका कारण टीम के तेज गेंदबाज हैं। जबकि वनडे फार्मेट में शानदार प्रदर्शन का कारण स्पिनर हैं। और ये स्पिनर भी कोई साधारण स्पिनर नहीं बल्कि कलाई के जादूगर कुलदीप यादव और यजुवेंद्र सिंह चहल हैं। जी हां, ये समय कलाई के स्पिनरों का है और कुल्चा की जोड़ी ने इस बात की पुष्टि बार-बार की है। यहां तक कि जब बात सीमित ओवर के क्रिकेट की आती है तो कुलदीप यादव और चहल की जोड़ी भारत की सीनियर स्पिन जोड़ी अश्विन और जडेजा पर भारी पड़ती है। कुलदीप यादव कलाई के स्पिनर होने के साथ ही चाइनामैन गेंदबाज हैं।
गौरतलब है कि कलाई के स्पिनर किसी भी पिच पर गेदं को टर्न कराने की काबिलियत रखते हैं। कई बल्लेबाज कुलदीप को पढ़ नही इसका कारण कुलदीप के पास शानदार विविधता है क्योंकि वे एक्शन में कोई खास तब्दीली किए बिना गेंदों को अंदर-बाहर निकाल सकते हैं। जबकि अंगुलियों के स्पिनर के लिए विविधताओं के लिए एक्शन को बदलना पड़ता है। इसके अलावा गेंद को तेज और बाउंसी पिचों पर ज्यादा टर्न ना मिलना दूसरी समस्या है। ऐसे में अंगुलियों के शानदार स्पिनर हरभजन सिंह ने भारत के युवा फिंगर स्पिनरों से अपील की है कि वे क्रिकेट के छोटे फार्मेट के हिसाब से खुद में जरूरी बदलाव करें।
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हरभजन ने कहा, 'ये बिल्कुल सिंपल है, कलाई के स्पिनरों के पास तीन तरह की विविधताएं होती हैं- एक लेग ब्रेक, एक गुगली और एक फ्लिपर। अगर आप टॉप स्पिन भी इस्तेमाल करते हैं तो फिर ये चार हो जाती हैं।' भारत के लिए 417 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज ने ऑफ स्पिनर के बारे में बात करते हुए कहा, 'अगर आपके पास असरदार 'दूसरा' नहीं है तो आपकी गेंद बल्लेबाज पढ़ लेता है। यहां तक की नाथन लियोन जैसा गेंदबाज भी वनडे में संघर्ष करता हुआ नजर आता है।' भज्जी के अनुसार आमतौर पर बल्लेबाज अंगुलियों के स्पिनर की गेंद को हाथ से ही पढ़ने की कोशिश करता है जबकि कलाई के स्पिनर की गेंद टप्पा खाने के बाद पढ़ी जाती है जो कि खतरनाक साबित हो सकती है।