नहीं लगानी चाहिए कोई पाबंदी
हरभजन ने कहा, 'मुझे लगता है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तभी करते हैं जब वह शुरू से गेंद को हिट करते हैं। उनके करियर की कुछ सर्वश्रेष्ठ पारियां तब बनी हैं जब उन्होंने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। मुझे लगता है कि टीम प्रबंधन को उन्हें और हार्दिक पंड्या को उनके मन मुताबिक बल्लेबाजी करने की छूट देनी चाहिए। इनपर कोई पांबदी नहीं लगानी चाहिए।' उन्होंने आगे कहा है कि धोनी के पास करारे शॉट मारने की कला अब भी बरकरार है और भारतीय टीम प्रबंधन को विश्व कप के दौरान उन्हें शुरू से ही आक्रमण करने के लिए जरूर उतारना चाहिए।
धोनी के छक्कों में जान है
जब उनसे पूछा गया कि जब मध्य ओवरों में स्पिनर जैसे मिचेल सैंटनर या नाथन लॉयन गेंदबाजी करेंगे तो क्या खेल में परिवर्तन कर पाएंगे धोनी तो हरभजन ने कहा कि मैं यही कहना चाहता हूं। धोनी किसी भी स्पिनर की दूसरी गेंद पर छक्का जड़ देते हैं। उसे ऐसा करना चाहिए और वह ऐसा कर भी सकते हैं क्योंकि मैंने चेन्नई सुपरकिंग्स के अभ्यास सत्र को दैरान नेट्स पर बल्लेबाजी करते देखा है। उसके छक्कों में बहुत जान है। खैर, हरभजन उन्हें खुला खेलते हुए देखना चाहते हैं। अब देखना यह है कि क्या टीम मैनेजमेंट धोनी को बेखाैफ होकर खेलने की इजाजत देता है या नहीं।
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पीटरसन की तरह डराते हैं धोनी
हरभजन ने धोनी की ताकत का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि मैं गेंदबाज का दिमाग पढ़ सकता हूं। अगर मैं केविन पीटरसन या इयान बेल के सामने ओवर कर रहा हूं तो मैं इयान की बजाय पीटरसन के लिए ज्यादा चिंतित रहूंगा। क्योंकि मैं पीटरसन को दो डॉट बॉल खिला सकता हूं, लेकिन वह मेरी अगली गेंदों पर बड़े शॉट लगा सकते हैं। जबकि, इयान एक एक रन के लिए खेलने की कोशिश करते हैं। धोनी भी पीटरसन की तरह ही गेंदबाजों को डराते हैं। उनका आक्रामक रुख ऐसा ही है। बता दें कि विश्व कप की शुरूआत इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से होनी है जिसका फाइनल मुकाबला 14 जुलाई को होगा। भारत का पहला मैच 5 जून को साउथ अफ्रीका के खिलाफ है।