इनके ऋणी रहेंगे बुमराह
हरभजन के मुताबिक, बुमराह की हैट्रिक के पीछे कप्तान विराट कोहली का बड़ा हाथ रहा। उनका मानना है कि बुमराह हमेशा विराट कोहली के ऋणी रहेंगे, जैसे वह 18 साल पहले अविश्वसनीय कैच के लिए सदगोपन रमेश के आभारी हैं। हरभजन ने कहा कि इस हैट्रिक का श्रेय बुमराह के साथ विराट को भी जाता है। गेंदबाज को नहीं लगा था कि बल्लेबाज आउट है लेकिन कप्तान को अंदर से लग रहा था कि वह आउट है। अगर विराट डीआरएस नहीं लेते तो क्या होता? कप्तान का यह फैसला बेहतरीन था जिसकी वजह से वह शानदार प्रयास कर सका।
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अपनी हैट्रिक का किया जिक्र
इसके बाद हरभजन ने अपनी हैट्रिक का जिक्र करते हुए भी उस शख्स का नाम बताया जिसकी बदाैलत उन्हें 2001 में हैट्रिक मिली थी। हरभजन ने कहा कि मुझे याद है जब मैंने दादा (सौरव गांगुली) के साथ चर्चा करने के बाद गेंदबाजी की। सच कहूं तो रमेश उस टीम में इतना फुर्तीले नहीं थे। फिर भी फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर उन्होंने शानदार कैच लपका, तो मैंने उन्हें कहा था कि दोस्त मेरी हैट्रिक तुम्हारी बदौलत मिली। तब राहुल द्रविड़ का जश्न भी देखने लायक था। मैंने उन्हें इतना उत्साहित कभी नहीं देखा था।
नायाब हीरा है बुमराह
बुमराह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसकी बदाैलत टीम अर्श पर पहुंची। इसपर हरभजन ने कहा कि भारतीय क्रिकेट भाग्यशाली है कि उसके पास बुमराह जैसा मैच विजेता है. हैट्रिक से उसकी महानता बढ़ेगी है, बिना इसके भी वह शानदार गेंदबाज है। पिछले मैच में सात ओवर में पांच विकेट और इस मैच में नौ ओवर में छह विकेट। आप इससे ज्यादा की उम्मीद नहीं कर सकते। वह नायाब हीरा है। बता देंकि बुमराह ने अपनी हैट्रिक कैरेबियाई की पहली पारी के 9वें ओवर में पूरी की। उन्होंने 4 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे डेरेन ब्रावो को अपना पहला शिकार बनाया उसके बाद शमर्थ ब्रूक्स को अगली ही गेंद पर पगबाधा कर दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने के लिए रोस्टन चेस आए जो भारतीय गेंदबाजी के सामने अपने जूझारू खेल के लिए जाने जाते हैं लेकिन बुमराह ने उनको भी एलबीडब्लू करके टेस्ट करियर की पहली हैट्रिक पूरी कर ली।