हार्दिक पांड्या बाहर-
हार्दिक ने ना तो आईपीएल 2021 में बॉलिंग की और ना ही विश्व कप के अहम मैचों में वे कुछ खास करते दिखे। हार्दिक की थोड़ी बहुत बॉलिंग इंडिया के लिए किसी काम की साबित नहीं हुई।
वैसे न्यूजीलैंड के खिलाफ चुनी गई टीम में कई बड़े खिलाड़ी शामिल नहीं हैं क्योंकि चयनकर्ताओं ने बॉयो बबल की थकान और बहुत सारे मैचों की व्यस्तता में उलझे खिलाड़ियों को आराम देने का फैसला किया है जिसमें विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह भी शामिल हैं। इसके अलावा शार्दुल ठाकुर, राहुल चाहर, वरुण चक्रवर्ती ऐसे खिलाड़ी हैं जो टी20 वर्ल्ड कप में खेले थे लेकिन उनको भी यहां रेस्ट दिया गया है।
इस साल टूर कैंसिल करने के बाद इंग्लैंड ने पाकिस्तान को दिया तोहफा, 2022 में खेले जाएंगे 7 T20I
हार्दिक की फिटनेस एक सवाल बनकर रह गई-
न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम चुने जाने से पहले अंदरुनी रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई इस बात से नाराज है कि अनफिट हार्दिक को वर्ल्ड कप में क्यों उतारा गया। कमर की चोट से जूझ रहे हार्दिक को आईपीएल के बाद वर्ल्ड कप में नहीं बल्कि नेशनल क्रिकेट अकादमी भेजना चाहिए था। यही हाल वरुण चक्रवर्ती का भी है जिसके लिए बीसीसीआई के पास फिर से वही सवाल हैं कि कैसे अनफिट खिलाड़ियों को मैदान में उतारा जा रहा है।
नेशनल क्रिकेट अकादमी खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए देश में टॉप क्रिकेट संस्था है और राहुल द्रविड़ ने इसको अपने अंडर में काफी पेशेवर भी बना दिया है। हार्दिक ने अपनी चोट पर काम करने की जगह आईपीएल में मुंबई इंडियंस से जुड़े रहना ज्यादा बेहतर समझा। लेकिन अब टी20 वर्ल्ड कप के बाद हार्दिक को लंबी छुट्टी पर भेजा सकता है।
आराम दिया गया या बाहर किया गया?
हालांकि हार्दिक को बाहर करने की वजह अभी भी आधिकारिक नहीं है और भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा यह जानना चाहते हैं कि हार्दिक को लेकर मामला क्लियर क्यों नहीं हो रहा है। क्योंकि यह साफ है कि अगर हार्दिक फिट हैं तो उनको आराम की जरूरत नहीं। उन्होंने बाकी खिलाड़ियों की तरह टेस्ट मैच भी नहीं खेले हैं और ना ही सफेद गेंद क्रिकेट में गेंदबाजी की है। यानी हार्दिक को थकान नहीं फिटनेस के चलते बाहर किया गया है। अब देखना होगा कि उनको नेशनल क्रिकेट अकादमी में भेजा जाएगा या नहीं।
रोहित-द्रविड़ की जोड़ी का नजरिया भी झलकता है-
अब इतना तो तय है कि कोहली-शास्त्री के युग की समाप्ति के बाद रोहित-द्रविड़ की जोड़ी से कुछ हटकर फैसले लेने की उम्मीद रहेगी। ऐसा लगता है इसकी शुरुआत हार्दिक को बाहर का रास्ता दिखाकर हो चुकी है। विराट कोहली ने टी20 वर्ल्ड कप में हार्दिक का इस्तेमाल एक फिनिशर के तौर पर करने की बात कही थी। यह कोहली का नजरिया था लेकिन नई लीडरशिप इस बात से इत्तेफाक नहीं रख पा रही है कि हार्दिक को केवल एक बल्लेबाज के तौर पर ही आप टीम में जगह दे सकते हैं। इसलिए अब ऐसा खिलाड़ियों को जगह देने की कोशिश है जिनकी गेंदबाजी करने की क्षमता को तराशा जा सके।
5 कारण जिनके चलते रवि शास्त्री की तरह चर्चित नहीं हो पाएगी कोहली-द्रविड़ की जुगलबंदी
हार्दिक पांड्या नहीं, टीम को है ऑलराउंडर की जरूरत-
यही वजह है कि वेंकटेश अय्यर को जगह दी गई और उनको मीडिल ऑडर्र बल्लेबाज के तौर पर भी तराशा जा सकता है। इशारा साफ है, हार्दिक को टीम में फिर से खेलना है तो अपनी ऑलराउंडर क्षमता को टॉप पर पहुंचाना होगा। उम्र के बढ़ते पड़ाव के साथ हार्दिक के लिए ऑलराउंडर की भूमिका के साथ न्याय करना और भी मुश्किल होता जाएगा। और एक बल्लेबाज के तौर पर वे तभी टीम में आ सकते हैं जबकि अपनी बैटिंग क्षमता को अगले लेवल तक पहुंचा दें और शॉट लगाने के साथ-साथ पारी को सजाने की कला महेंद्र सिंह धोनी सरीखी कर लें।