धोनी किसी से कम नहीं
शास्त्री ने कहा, ''वह किसी से भी कम नहीं है। उसने अपना करियर शुरू करने के बाद जब जिम्मेदारी संभाली तो भारतीय क्रिकेट को पूरी तरह से बदल दिया। उनकी खासियत यह है कि उसने ऐसा सभी फॉर्मेट में किया।'' शास्त्री ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, '' मैं धोनी की स्टंपिंग और रन आउट करने के तरीके का मैं कायल हूं। उसके हाथ इतनी फुर्ती से काम करते थे कि वह किसी 'जेबकतरे' से भी ज्यादा फुर्तीला रहता था। इतनी शानदार विरासत तैयार करने के बावजूद धोनी के शांत व्यक्तित्व ने उन्हें सबसे अलग बना दिया।''
जीवन को हमेशा सहजता से लिया
धोनी की कप्तानी का जिक्र करते हुए शास्त्री ने कहा, ''टी20 में उन्होंने विश्व कप दिलाया और कई इंडियन प्रीमियर लीग खिताब दिलाये। 50 ओवर के क्रिकेट में उन्होंने विश्व कप दिलाया। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने भारतीय टीम को विश्व रैंकिंग के शिखर पर पहुंचाया। उन्होंने 90 टेस्ट मैच खेले। और उसने हमेशा जीवन को सहजता से लिया खड़गपुर से लेकर भारतीय क्रिकेटर तक के दिनों तक वह हमेशा उसी पल के हिसाब से चीजें करता।''
अद्भुत कीपिंग ने चार चांद लगा दिए
शास्त्री ने धोनी की विकेटकीपिंग की भी जमकर तारीफ की है। शास्त्री ने धोनी ने नैसर्गिक नहीं होने के बावजूद विकेटकीपिंग में नए मानंदड स्थापित किए। लेकिन वह इतना प्रभावी रहा। उसका असर देखिए, बल्लेबाज को पता भी नहीं चलता था कि धोनी ने उसके बेल गिरा दिए, इससे उसकी काबिलियत में चार चांद लग गए। शास्त्री ने कहा कि क्रिकेट के महानतम क्रिकेटरों, महान नहीं बल्कि महानतम क्रिकेटरों में, आपको इस खिलाड़ी को शामिल करना होगा।''