1. टीम से बाहर रहना
पिछले साल धोनी को 'ए' ग्रेड में रखा गया था जिसके आधार पर उन्हें साल के 5 करोड़ मिले। लेकिन इस बार आउट हुए। धोनी को लिस्ट में ना रखने का एक कारण है उनका टीम से बाहर रहना। बीसीसीआई यह कॉन्ट्रैक्ट खिलाड़ियो के माैजूदा प्रदर्शन के आधार पर करता है। वहीं धोनी पिछले साल इंग्लैंड में हुए आईसीसी विश्व कप के बाद टीम से बाहर चल रहे हैं। 9 जुलाई को न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने सेमीफाइनल खेला था जिसमें हार मिली। धोनी रन आउट होकर 50 रन बना सके। इस मैच के बाद धोनी ने क्रिकेट से दूरी बना ली। धोनी 6 महीने मैदान से बाहर रहे। जो उन्हें कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने का एक बड़ा कारण बना।
2. संन्यास की अटकलें
धोनी ने जैसे ही क्रिकेट से दूरी बनाई तो संन्यास को लेकर खबरें आने शुरू हो गई। जहां कई खिलाड़ी मैदान पर रन बनाकर सुर्खियों में रहे तो वहीं धोनी के लिए साल 2019 इन बातों को लेकर बीत गया कि वो कब संन्यास लेंगे। विराट कोहली ने ट्विटर पर धोनी के साथ एक तस्वीर शेयर की थी। तब से संभावना बन गई कि वो संन्यास ले लेगें। हालाकि धोनी ने इसपर चुप्पी साधी और कहा था कि जनवरी तक इसका इंतजार करें। लेकिन अब आधा जनवरी निकल गया। धोनी ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी घरेलू मैदान पर जारी वनडे सीरीज में भी वापसी नहीं की और ना ही उनका न्यूजीलैंड दाैरे के लिए चुना गया। ऐसे में बीसीसीआई के सालाना कॉन्ट्रैक्ट की लिस्ट में धोनी का शामिल होना और मुश्किल हो गया।
3. मिल सकती है फेयरवेल
तीसरा बड़ा कारण रहा है धोनी को इस साल फेयरवेल मैच मिलने की खबरें। धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट से संन्यास लिया था। लेकिन इस साल कोच रवि शास्त्री ने भी बयान दे दिया कि वो वनडे से संन्यास ले सकते हैं। लेकिन यह भी तय नहीं कि वो टी20 विश्व कप में खेल सकेंगे। ऐसे में खबरें यह भी आईं कि उन्हें इस साल फेयरवैल मैच मिल सकता है। आईपीएल टूर्नामेंट के बाद धोनी संन्यास के बारे में विचार कर सकते हैं। इन्हीं अकटलों को देखते हुए धोनी को सालाना कॉन्ट्रैक्ट में नहीं रखा गया है।