एक या दो टीमें होंगी शामिल ?
माना जा रहा है कि बीसीसीआई जल्द ही इस बात का ऐलान कर सकता है कि अगले आईपीएल सीजन के लिए एक या दो नई टीमों का टेंडर निकाला जा सकता है। इस बीच रिपोर्ट की मानें तो अप्रैल मई माह में बड़ी नीलामी देखने को मिल सकती है। नई नीलामी की संभावनाओं के साथ-साथ तमाम टीम के प्रबंधन इस बात पर भी नजर बनाए हैं कि बीसीसीआई नई नीलामी में किस तरह के नीतिगत बदलाव करता है। मौजूदा समय में हर टीम 18-25 खिलाड़ियों का स्क्वॉड तैयार कर सकती है। जिसमे अधिकतम 8 खिलाड़ी विदेश के हो सकते हैं और सिर्फ 4 विदेशी खिलाड़ी ही प्लेइंग 11 का हिस्सा हो सकते हैं, यानि 7 खिलाड़ी भारतीय होंगे जो मैदान में उतरेंगे।
टीमों की गुणवत्ता का सवाल
टीमों को पहले से ही गुणवत्ता को बनाए रखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अगर हम अधिकतर आईपीएल की टीमों को देखें तो टीम में 7-8 खिलाड़ी लगातार बने रहते हैं, जबकि 3-4 खिलाड़ी रोटेट होते रहते हैं। लेकिन अगर 10 टीमें आईपीएल में खेलती हैं तो टीमों की गुणवत्ता पर भी इसका असर साफ तौर पर देखने को मिलेगा। नई टीमें आने पर मौजूदा खिलाड़ियों की ट्रेडिंग होगी ऐसे में टीम को बेहतर बनाए रखना आसान नहीं होगा। ऐसे में फ्रेंचाइजी की ओर से यह सुझाव दिया गया है कि टीमों में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या को बढ़ाया जाए। अगर एक खिलाड़ी की संख्या को प्लेइंग इलेवन में जोड़ा जाता है तो टीम संतुलित हो सकती हैं।
टीमों के सामने ये चुनौती होगी
आईपीएल में नई टीम शामिल करने के लिए बड़ी नीलामी होगी, नियमों के अनुसार टीमें 4 खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती हैं। ऐसे में अगर 5 बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस की बात करें तो अगर टीम रोहित, पोलार्ड, हार्दिक पांड्या, बुमरा को रिटेन करती है तो क्या मुंबई की टीम सिर्फ इन 4 खिलाड़ियों के दम पर खुद को चैंपियन कह सकती है, जबकि उसके बाकी के खिलाड़ी रिटेन नहीं होते हैं। इस तरह के सवालों का जवाब दे पाना थोड़ा मुश्किल है।
नीलामी का जल्द हो आयोजन
नई टीम शामिल होने पर सबसे बड़ी चुनौती यह खड़ी होती है कि अगर अप्रैल-माह में नीलामी होती है तो नई टीमों के पास अगले आईपीएल के लिए तैयारी करने का समय बहुत ही कम होगा। लिहाजा नीलामी को हर हाल में जनवरी माह में नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए, ताकि टीमों को तैयारी करने का मौका मिल सके। अगर 9 टीमें आईपीएल में शामिल होती हैं तो अधिकतम 76 मैच कराए जा सकते हैं जबकि 10 टीमें शामिल होने पर 91 मैच। फिलहाल 8 टीमों में अधिकतम 60 मैच कराए जा सकते हैं। इस लिहाज से बीसीसीआई को एक बार मीडिया राइट्स अग्रीमेंट के बारे में भी विचार करना होगा।