केपलर वेसल्स (Kepler Wessels)
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम केपलर वेसल्स का आता है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिये खेलते हुए साल 1982 में पहली बार टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा था। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के लिये उन्होंने 24 टेस्ट मैच खेले और साल 1985 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलकर संन्यास ले लिया। हालांकि केपलर के अंतर्राष्ट्रीय करियर का अंत यहीं पर नहीं हुआ। 6 साल बाद जब साउथ अफ्रीका की टीम से बैन हटा और उसने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की तो केपलर वेसल्स भी उस टीम का हिस्सा बनकर मैदान पर वापस लौटे।
केपलर वेसल्स ने अपनी घरेलू टीम साउथ अफ्रीका की ओर से खेलते हुए साल 1991 से 1994 के बीच 16 टेस्ट और 55 वनडे मैच खेले और एक बार फिर से क्रिकेट को अलविदा कहा।
इयोन मोर्गन (Eoin Morgan)
इस फेहरिस्त में इंग्लैंड की टीम को पहली बार विश्व कप जिताने वाले कप्तान इयोन मोर्गन का नाम भी आता है, जो कि अभी भी लिमिटेड ओवर क्रिकेट में इंग्लैंड के कप्तान है। हालांकि इयोन मोर्गन ने अपने करियर की शुरुआत इंग्लैंड के साथ नहीं की थी। उन्होंने साल 2006 में अपने देश आयरलैंड की ओर से खेलते हुए अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और साल 2009 तक वह आयरलैंड के लिये ही खेले। इस दौरान वह आयरलैंड की 2007 विश्व कप टीम का हिस्सा भी थे जिसने उस विश्व कप में इंग्लैंड को हराकर बड़ा उलट फेर किया था। आयरलैंड के लिये मोर्गन ने 23 वनडे मैच खेले।
हालांकि करियर में कुछ बड़ा मौका न मिलता देख उन्होंने साल 2009 में इंग्लैंड का रुख किया और आज इंग्लैंड के लिए 16 टेस्ट मैच और 236 वनडे मैच के साथ इस टीम के सबसे सफल कप्तान बन चुके हैं।
रुलोफ वैन डर मर्व (Roelof van der Merwe)
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में जन्मा यह हरफनमौला खिलाड़ी फिलहाल नीदरलैंडस की तरफ से अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है। हालांकि ऑलराउंडर रुलोफ वैन डर मर्व ने अपने करियर की शुरुआत क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के लिए की और साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैच के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया। कुछ समय बाद वो एकदिवसीय टीम का भी हिस्सा बन गए।
उन्होंने साउथ अफ्रीका के लिये 13 वनडे और 13 टी20 मैचों में शिकरत की जिसके बाद वह 2015 में नीदरलैंड के लिये रवाना हो गये और अब उसी टीम की ओर से खेलते हैं।
अब्दुल हफीज कारदार (Abdul Hafiz kardar)
अब्दुल हफीज कारदार उन क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्होंने टेस्ट प्रारूप में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के लिए खेला है। उन्होंने साल 1946 में अपने इंग्लैंड दौरे पर तीन टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। 1948 में बंटवारा होने के बाद कारदार पाकिस्तान चले गए और 1952 में भारत के ही खिलाफ पाकिस्तान के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया।
डर्क नैन्स (dirk nannes)
आईसीसी टी20 विश्व कप के साल 2009 के एडिशन में नीदरलैंड की ओर से डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने अपने पहले ही मैच में काफी प्रभावित किया और सिर्फ 1 मैच ही खेलने के बाद वह ऑस्ट्रेलिया की टीम के साथ जुड़ गये।
जल्द ही ऑस्ट्रेलिया की टीम ने उन्हें अपनी सीमित ओवरों की टीम में शामिल किया। इस तेज गेंदबाज ने अपने छोटे से अंतरराष्ट्रीय करियर में ऑस्ट्रेलिया के लिए एक वनडे और 15 टी20 मैच खेले।