नई दिल्ली: 25 अक्टूबर के दिन बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर सौरव गांगुली के लिए कई महत्वपूर्ण मीटिंग का पहला दिन था। उन्होंने भारतीय क्रिकेट केंद्र में बैठकें की जिसमें एमएसके-प्रसाद की चयन समिति के साथ उनकी मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। इसके अलावा कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ भी मुलाकात की गई। इन बैठकों का सार क्या रहा वह बंद कमरे में बंद है लेकिन इतना तय है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नए अध्यक्ष घरेलू क्रिकेट पर बहुत जोर दे रहे हैं।
प्रथम श्रेणी और इंटरनेशनल के बीच खाई कम होगी-
रिपोर्ट से पता चला है कि दादा प्रथम श्रेणी और घरेलू क्रिकेटरों के लिए वेतन बढ़ाने पर काफी मजबूती से विचार कर रहे हैं और इन खिलाड़ियों का पारिश्रमिक बढ़ाना बीसीसीआई के 39 वें अध्यक्ष के पहले फैसले में से एक होगा। पिछले दो दिनों से वह और उनके सहकर्मी बीसीसीआई कार्यालय में प्रथम श्रेणी क्रिकेट और वेतन संरचना पर बातचीत कर रहे हैं और यह संभावना है कि भुगतान काफी हद तक बढ़ जाएगा। यह जानकारी बेंगलुरु मिरर की रिपोर्ट से मिली है।
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इस बात के पक्के संकेत हैं कि गांगुली यह मानते हैं कि प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बीच भुगतान का अंतर बहुत बड़ा है और वह इस अंतर को कम करना चाहते हैं। इस स्तर पर, प्रथम श्रेणी के खिलाड़ी को प्रति दिन 35000 रुपये मिलते हैं और सबसे अधिक संभावना है बहुत ज्यादा नहीं तो इसको 50000 रुपये तक तो बढ़ाया जा सकता है। बीसीसीआई के वित्त पर गांगुली ने चर्चा की है।
राहुल द्रविड़ की फैसलों में अहम भूमिका होगी
इसके अलावा अगले सप्ताह, नए पदाधिकारी बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का दौरा कर सकते हैं जहां पर उच्च प्रदर्शन केंद्र के विकास के लिए अधिग्रहित भूमि के लिए बात होनी है। यह संभावना है कि राहुल द्रविड़ के साथ एक बैठक होगी, जो निश्चित रूप से गांगुली के क्रिकेट फैसलों में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। खासकर उन फैसलों में जहां पर विशेष रूप से घरेलू क्रिकेट और बुनियादी ढांचे से संबंधित काम किए जाने हैं।
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धोनी की स्थिति से भी अवगत हुए दादा-
चयन समिति के साथ उनकी बैठक के दौरान, एमएस धोनी पर भी स्पष्ट चर्चा हुई है। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक चयनकर्ताओं ने जो प्रेस कांफ्रेस में बताया है कि वे धोनी से आगे बढ़ चुके हैं, इसी बात को उन्होंने गांगुली को भी बताया गया। इतना ही नहीं इस मामले से धोनी को भी अवगत करा दिया गया है। माना जा रहा है कि गांगुली ने चयनकर्ताओं से कहा है कि एक बार चुने जाने पर खिलाड़ियों को अपनी क्षमता साबित करने के लिए पर्याप्त मौके दिए जाने चाहिए। इसका मतलब है, मुंबई के शिवम दूबे, जिन्हें कल भारतीय टी-20 के लिए चुना गया था, के पास पर्याप्त अवसर होंगे।
चयन समिति के कार्यकाल पर भी चर्चा-
चयनकर्ताओं के कार्यकाल पर भी चर्चा हुई। गांगुली को यह भी स्पष्ट है कि चयनकर्ताओं के पास नए संविधान के अनुसार पांच साल की नियुक्तियां हो सकती हैं और इसका मतलब है कि प्रसाद एक और विस्तार के लिए हकदार हो सकते हैं। एक बार अवगत कराने के बाद, गांगुली नई चयन समिति पर निर्णय लेने से पहले सभी बातों पर विचार करने के लिए सहमत हुए है। सबसे पहले, निश्चित रूप से, गांगुली को एक क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) का गठन करना होगा।
सीएसी के गठन के लिए, गांगुली को पहले वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को बुलाना होगा। ऐसी उम्मीद है कि बैठक के लिए नोटिस दीवाली के एक दिन बाद सोमवार को जाएंगे। एजीएम की बैठक 18-20 नवंबर के आसपास हो सकती है। एजीएम के साथ, एपेक्स काउंसिल की भी पहली बैठक हो सकती है।