2000 करोड़ का नुकसान
जिस तरह से कोरोना के मामले खिलाड़ियों में आने लगे उसके बाद आईपीएल को सस्पेंड करना पड़ा और बीसीसीआई को तकरीबन 2000 करोड़ रुपए का इसके चलते नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर गलती कहां हुई और कैसे आईपीएल के इतने सुरक्षित बायो बबल में कोरोना वायरस ने अपनी एंट्री मारी। इससे पहले आईपीएल 2020 का आयोजन यूएई में कराया गया था और इसे प्रोफेशनल कंपनी रेस्ट्राटा ने मैनेज किया था। लेकिन इस बार आईपीएल में बबल का जिम्मा स्थानीय लोगों के हाथ में था।
हवाई यात्रा
आईपीएल के इस सीजन में सबसे बड़ी चिंता का विषय था हवाई यात्रा। मैच छह अलग-अलग वेन्यू पर खेले जाने थे, लिहाजा टीमों को 6 अलग-अलग शहरों में यात्रा करनी पड़ी। रिपोर्ट के अनुसार एयरपोर्ट टर्मिनल पर टीम के दो खिलाड़ी और कोच संक्रमण के खतरे में आए थे। दरअसल आईपीएल की टीमों ने मांग की थी कि राज्य सरकार खिलाड़ियों और टीम के सदस्यों के लिए एयरपोर्ट पर अलग टर्मिनल की व्यवस्था करे। लेकिन सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया। जबकि यूएई में खिलाड़ियों को हवाई यात्रा नहीं करनी पड़ी थी।
ट्रैंकिंग डिवाइस में खामी
इसके अलावा आईपीएल में खिलाड़ियों को जो ट्रैकिंग डिवाइस दी गई थी वह पूरी तरह से ठीक नहीं थी। इसे चेन्नई की एक कंपनी से खरीदा गया था जोकि तय मानकों पर खरी नहीं उतर सकी, जिसकी वजह से बीसीसीआई के पास सिर्फ अनुमान लगाना ही एकमात्र विकल्प बचा कि आखिर खिलाड़ी कब और कैसे कोरोना संक्रमण की जद में आए। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब इतने उच्च स्तर का टूर्नामेंट इतने मुश्किल समय में आयोजित किया जा रहा है तो आखिर क्यों इस तरह का जोखिम लिया गया।
ग्राउंड्समैन, ड्राइवर, स्टाफ बबल का हिस्सा नहीं
आईपीएल के दौरान खिलाड़ियों की कोरोना टेस्टिंग और क्वारेंटीन प्रोटोकॉल को लेकर लगातार सवाल किए जा रहे थे कि आखिर क्यों उन लोगों को बायो बबल में नहीं रखा गया जो आईपीएल के आयोजन में शामिल हैं। खासकर कि ग्राउंड स्टाफ के सदस्य, होटल के सदस्य, ग्राउंड कैटरिंग, नेट गेंदबाज, डीजे और ड्राइवर। अलग-अलग शहर में मैच होने की वजह से इन लोगो की संख्या बहुत बड़ी हो गई। वहीं यूएई में आईपीएल के आयोजन के दौरान इन बातों का विशेष खयाल रखा गया था।
बाहर से खाना मंगाने की अनुमति
अहम बात यह है कि आईपीएल के सस्पेंड होने के एक हफ्ते पहले तक बाहर से खाना मंगाने की अनुमति खिलाड़ियों की दी गई थी। बीसीसीआई ने फ्रेंचाइजी पर यह फैसला छोड़ दिया था कि वह खिलाड़ियों, स्टाफ सदस्यों के लिए बबल बनाए, इसके लिए एक केंद्रीय समिति नहीं बनाई गई थी। यही नहीं भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ने के बाद भी बीसीसीआई आईपीएल का आयोजन भारत में कराना चाहता था। आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल और फ्रेंचाइजी के मालिकों ने इसे पिछले साल की तरह यूएई में कराए जाने की सलाह दी थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।