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शतक की उम्मीद नहीं थी रिषभ पंत को, लेकिन पहली गेंद पेट पर लगी तो आया गुस्सा और जड़ दी सेंचुरी

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है। पहले दो वनडे में हार के बाद टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए टी-20 सीरीज में जीत दर्ज की। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। इस दौरान खास बात यह रही कि आउट ऑफ फॉर्म चल रहे विकेट कीपर बल्लेबाज रिषभ पंत ने शतकीय पारी खेली। उन्होंने 73 गेंदों पर 103 रनों की नाबाद पारी खेली। इस पारी के बारे में बात करते हुए कहा यह मेरे लिए काफी अच्छा अनुभव था, इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।

यह काफी अच्छा मौका था

यह काफी अच्छा मौका था

बीसीसीआई टीवी को दिए इंटरव्यू में रिषभ पंत ने कहा कि यह काफी अच्छा मौका है, अगर आप फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हो, तीन दिन का क्योंकि पिंक गेंद से इतना क्रिकेट नहीं होता है, लिहाजा प्रैक्टिस मैच काफू जरूरी था। मुझे लगता है कि गेंदबाजों ने काफी अच्छी गेंदबाजी की। बल्लेबाजों को काफी अच्छा टाइम मिला विकेट पर समय बिताने का। लाइट के अंडर खेलना थोड़ा सा मुश्किल होता है,कभी कभार गेंद स्विग होना शुरू कर देती है। दिन में बल्लेबाजी करना थोड़ा आसान होता है, यह काफी अच्छा अनुभव था, काफी कुछ सीखने को मिला।

इस तरह से बनाई योजना

इस तरह से बनाई योजना

बल्लेबाजी की बात करें तो पहली इनिंग में हम जल्दी आउट हो गए, विकेट में थोड़ी नमी थी, लेकिन बाद में सबको विकेट का आइडिया हो गया था। सब लोग पहली बार पिंक गेंद से खेल रहे थे तो सबको इतना आइडिया नहीं था। सेकेंड इनिंग में सबने कोशिश की और योजना ज्यादा बनाई। बैटिंग यूनिट का यही था कि जितना ज्यादा समय बिता सकते हैं उतना अच्छा है। जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो काफी ओवर बचे थे, मैंने और विहारी ने यही सोचा कि जितना हो सके इस साझेदारी को बढ़ाएं क्योंकि दिन एक दो दिन में खत्म हो जाता, फिर नीचे के बल्लेबाज आते तो ऑलआउट हो सकते थे। हम दोनों का यही प्लान था कि जितनी ज्यादा हो सके बल्लेबाजी करें तो अच्छा होगा।

कैसे जड़ा शतक

कैसे जड़ा शतक

पंत ने कहा कि मैंने फैसला लिया कि जितना अधिक समय दूंगा अपने आपको मैदान पर उतना अच्छा होगा। धीरे-धीरे आत्मविश्वास आता गया। इनिंग बनती गई, फिर मैं 100 के पास पहुंच गया। आखिरी ओवर में मुझे तकरीबन 20 रन चाहिए थे, मैंने पहले ही सोच लिया था कि 100 हो नहीं सकता है। बाद में पता चला कि मैं 90वें ओवर तक इतना पास आ गया था। आखिरी ओवर में पहली गेंद जब मेरे पेट में लगी तो थोड़ा गुस्सा सा आ गया, फिर मैंने कहा कि अब तो ट्राइ करना ही पड़ेगा।

विहारी ने कहा कि हो सकता है

विहारी ने कहा कि हो सकता है

जब मैंने एक दो ट्राइ किया तो विहारी मेरे को आकर बोलता है कि यार शतक हो सकता है, ट्राइ करना चाहिए, नहीं तो कल आराम से बल्लेबाजी करके आराम से बना लेना। मैंने कहा कि ट्राइ करता हूं अगर बन जाता है तो ठीक है, फिर फ्लो-फ्लो में मैं मारता गया, शतक हो गया मेरे लिए। इससे काफी आत्मविश्वास बढ़ता है। पहली इनिंग में गलत फैसले की वजह से मैं आउट हो गया, दूसरी इनिंग में मैने समय लिया शतक लगाया, इससे मुझे काफी आत्मविश्वास मिला।

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Story first published: Monday, December 14, 2020, 13:07 [IST]
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