गिब्स ने जय शाह पर लगाया आरोप-
गिब्स के मुताबिक ग्रीम स्मिथ ने उनको यह बात बता दी है। उन्होंने इससे पहले ट्विटर पर भी बीसीसीआई के खिलाफ आरोप लगाए थे कि वह अपने देश के राजनीतिक मामलों को साधने के लिए कश्मीर प्रीमियर लीग में अन्य खिलाड़ियों को भाग लेने से रोक रहा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "यह बीसीसीआई की ओर से बिल्कुल अनुचित बात है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ अपने राजनीतिक समीकरणों के चलते मुझे कश्मीर प्रीमियर लीग 2020 में भाग लेने से रोक रहे हैं। उन्होंने यह भी कह कर मुझे धमकाया है कि अगर मैं ऐसा करता हूं तो भारत में किसी भी क्रिकेट से जुड़े हुए काम के लिए नहीं आ पाऊंगा।"
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राशिद लतीफ भी लगा चुके बीसीसीआई पर आरोप-
गिब्स कश्मीर प्रीमियर लीग में ओवरसीज वारियर्स फ्रेंचाइजी का हिस्सा है। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और राशिद लतीफ ने भी बीसीसीआई पर इसी तरह के आरोप लगाए थे। लतीफ ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा था कि बीसीसीआई अन्य क्रिकेट बोर्डों को अपने खिलाड़ियों को कश्मीर प्रीमियर लीग में भाग लेने से रोक रहा है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, "बीसीसीआई क्रिकेट बोर्डों को चेतावनी दे रहा है कि अगर पूर्व खिलाड़ी कश्मीर प्रीमियर लीग में भाग लेते हैं तो उनकी एंट्री इंडिया में नहीं करने दी जाएगी और उनको भारतीय क्रिकेट के साथ किसी भी तरह का कोई काम नहीं करने दिया जाएगा।"
गिब्स, दिलशान, मोंटी पनेसर जैसे नामों के खेलने की चर्चा-
गिब्स, दिलशान, मोंटी पनेसर और कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो कश्मीर प्रीमियर लीग में चुने गए हैं। आपको बता दें कश्मीर प्रीमियर लीग यानी कि केपीएल का पहला संस्करण 4 अगस्त से शुरू होना है जहां पर पाकिस्तान की नेशनल क्रिकेट टीम के खिलाड़ी तो खेलेंगे ही, साथ ही तिलकरत्ने दिलशान, मैट प्रायर और मोंटी पनेसर जैसे नाम भी शामिल होंगे।
कश्मीर प्रीमियर में छह फ्रेंचाइजी हैं और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के फैसले से उन में खलबली मची है। एक फ्रेंचाइजी के मालिक ने यह भी कहा था कि तिलकरत्ने दिलशान का लीग में खेलना बीसीसीआई और भारत के मुंह पर एक तमाचा है।