नई दिल्लीः हॉकी इंडिया ने मंगलवार को अगले साल होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों से यह कहते हुए अपना नाम वापस ले लिया कि बर्मिंघम खेलों (28 जुलाई से 8 अगस्त) और हांग्जो एशियाई खेलों (10-25 सितंबर) के बीच केवल 32 दिन का समय बचा है।
इस पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है, "भारत में केवल 18 खिलाड़ी नहीं हैं। अगर क्रिकेटर आईपीएल के साथ-साथ विश्व कप में भी खेल सकते हैं, तो हॉकी खिलाड़ी एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भाग क्यों नहीं ले सकते?"
दूसरी ओर, भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने शुक्रवार को हॉकी इंडिया के अगले साल के राष्ट्रमंडल खेलों से हटने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा था कि एशियाड पर अधिक ध्यान देना सुनिश्चित करने के लिए, बड़े लक्ष्यों के लिए "कठिन निर्णय" लेने होंगे और यहां तक कि एक दूसरी पंक्ति की टीम भेजना भी संभव नहीं था।
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अनुराग ठाकुर के गले हॉकी इंडिया का यह फैसला नहीं उतरा है। उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है किसी फेडरेशन को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए और सरकार व डिपार्टमेंट से चर्चा करनी चाहिए। क्योंकि एक फेडरेशन की टीम नहीं जा रही है बल्कि देश की टीम जा रही है। 130 करोड़ लोगों के देश में मात्र 18 खिलाड़ी ही नहीं है जो देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। जब दुनिया भर के इवेंट में भागीदारी की बात होती है तो उसमें शामिल होना चाहिए। उनको खेल विभाग से बात करनी चाहिए। इस पर निर्णय सरकार को करना है।"
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, अगर क्रिकेट की बात करें तो वहां पर आईपीएल और वर्ल्ड कप तुरंत खेल सकते हैं तो बाकी जगह एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ में ऐसा क्यों नहीं?
अनुराग ने आगे फेडरेशन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत की टीम कहां पर खेलेगी यह केवल फेडरेशन तक ही सीमित नहीं है, ये भारत को, भारत की सरकार को भी तय करना है।