नयी दिल्ली। किसी टीम के लिए नो-बॉल इतना भी खरतनाक साबित हो सकता है इसका अंदाजा भारत-वेस्टइंडीज के बीच हुए सेमीफाइनल मुकाबले को देखकर लगाया जा सकता है। टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में केवल दो नो-बॉल ने भारत के हाथों से जीत छीन ली। जो मैच टीम इंडिया के पाले में थी उसे वेस्टइंडीज ने जीतकर फाइनल में जगह बना ली। खुद कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने भी इन दो नो बॉल को हार की बड़ी वजह करार दिया है। जानिए कैसे हार की वजह बनी नौ-बॉल? Watch: हार के बाद जब धोनी से पूछा कब लेंगे संन्यास?
भारत ने जीत के लिए वेस्टइंडीज के सामने 193 रनों की चुनौती रखी। विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल का विकेट जल्दी खोने के बाद लगा कि भारत आसानी से जीत जाएगा, लेकिन जीत हाथ में आते-आते निकल गई। दो बार आउट होने से बचे लेंडल सिमंस 'मुकद्दर के सिकंदर' साबित हुए। 82 रन बनाकर 'मैन ऑफ द मैच' बनें सिमंस ने अपने जीवनदान का पूरा फायदा उठाया और अपनी टीम को 7 विकेट से जीत दिलवाकर फाइनल में पहुंचा दिया।
सिमंस को पहला जीवनदान तब मिला, जब अश्विन की गेंद पर बुमराह ने उनका अद्भुत कैच लपका। टीम इंडिया विकेट लेने का जश्न ही मना रही थी कि अंपायर ने नो-बॉल का इशारा कर दिया। उस वक्त सिमंस का निजी स्कोर 15 रन था।
सिमंस को दूसरा जीवनदान हार्दिक पांड्या की गेंद पर मिला। अश्विन ने कैच भी पकड़ा, लेकिन एक बार फिर से अंपायर ने नो-बॉल का इशारा कर दिया। इस बार हार्दिक का पैर गेंद के रिलीज के वक्त काफी बाहर था।
अगर इन दोनों में से किसी भी एक मौके पर वो आउट हो जाते तो वेस्टइंडीज के भारत को हरा पाना आसान नहीं होता। जीवनदान का फायदा उठाते हुए सिमंस ने ताबड़तोड़ चौके-छक्के जड़ने शुरु कर दिए और नाबाद 82 रन बनाकर टीम को जीत दिला दी।