नई दिल्ली। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है। एक गेंद मैच का पूरा रुख बदलने के लिए काफी होती है। अगर वहीं आईपीएल की बात करें तो क्रिकेट के इस रूप ने तो मानो क्रिकेट का कायाकल्प ही कर दिया है। आईपीएल 11 की अगर बात करें तो इस सीजन के 42 मुकाबले अब तक खेले जा चुके हैं। अगर अंक तालिका की बात करें तो हर मैच इसमें एक बड़ा परिवर्तन लेकर आती है। गुरुवार को रिषभ पंत के शानदार शतक के बावजूद दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच हुए इस मुकाबले में दिल्ली की टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद कहा जा रहा है की दिल्ली के लिए अब प्लेऑफ के दरवाजे अब बंद हो गए हैं लेकिन अगर थोड़ा गंभीरता से देखें तो पिक्चर अभी बाकी है।
ऐसे पहुंच सकती है दिल्लीः दिल्ली डेयरडेविल्स की अगर बात करें तो उनके लिए शुरू से ही आईपीएल का यह सीजन बेहद निराशाजनक रहा है। पहले उन्हें लगातार हार मिली उसके बाद गौतम गंभीर ने खुद को कप्तानी से अलग कर लिया और श्रेयस अय्यर को इसकी कमान मिली। अय्यर के कप्तान बनने के बाद कुछ उम्मीद जगी की शायद ये टीम अच्छा करेगी लेकिन दिल्ली एक दो मैच जीती जरूर लेकिन वो अपने हार के सिलसिले को रोकने में नाकाम रही है। अगर दिल्ली को प्लेऑफ में जगह बनानी है तो उसे आने वाले अपने तीनों मैच जीतने होंगे। दिल्ली के आगामी मुकाबले आरसीबी, चेन्नई सुपरकिंग और मुंबई इंडियंस से होने हैं। ऐसे में दिल्ली को इन तीनों मुकाबले में जीत दर्ज करनी होगी और वो भी बड़े अंतर से मुकाबले जीतने होंगे।
रन रेट का भी फंसेगा पेचः हैदराबाद औऱ चेन्नई की टीम की अगर बात करें तो ये दोनों टीम तो अपने अंक के दम पर ही प्लेऑफ के लिए सेलेक्ट हो जाएंगी लेकिन कुछ टीमों के लिए रन रेट का खेल भी एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट बनेगा। इसलिए और टीमों की हार के साथ-साथ दिल्ली की टीम को अपना रन रेट भी सुधारना होगा जिसकी बदौलत उम्मीद जग सकती है की शायद वो अंतिम चार में पहुंच सकें। इसके लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी है वो ये है की चेन्नई और हैदराबाद की टीमों को अब सारी टीमों को उसके साथ खेले जाने वाले मुकाबले में हराना होगा, दिल्ली को छोड़कर। बता दें की चेन्नई और हैदराबाद के अभी तीन-तीन मुकाबले बचे हैं। वहीं चेन्नई के साथ दिल्ली को एक मुकाबला खेलना है।
पंजाब को हारने होंगे सारे मैचः किंग्स इलेवन पंजाब की अगर बात करें तो अभी अंक तालिका में उसके 12 प्वाइंट हैं। अभी पंजाब के 4 मुकाबले होने बाकी है जिसमें ये टीम कलकत्ता, आरसीबी और मुंबई और चेन्नई से भिड़ेगी ऐसे में अगर दिल्ली को गेम में बने रहना है तो पंजाब को सारे मुकाबले हारने होंगे। ऐसे में दिलचस्प बात ये है की मुंबई और केकेआर को भी अपने सारे मुकाबले हारने होंगे। वहीं मुंबई के साथ होने वाले मुकाबले में राजस्थान की टीम को हारना पड़ेगा। ऐसे में राह तो दिल्ली डेयरडेविल्क की मुश्किल है लेकिन किस्मत और मेहनत से अभी उसकी राह अभी आसान हो सकती है।