कोरोना में क्रिकेट को लेकर संघर्ष करते रहे एशियाई देश-
श्रीलंका और बांग्लादेश ने कई बार अपने दौरे कैंसिल किए। बांग्लादेश प्रीमियर लीग स्थगित कर दी गई। पाकिस्तान को दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट मैचों के लिए मेजबानी करनी थी लेकिन पाकिस्तानी सुपर लीग के बायो-बबल में वायरस का प्रवेश हो गया जिसके कारण यह टूर्नामेंट जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। भारत की हालत खुद खराब रही क्योंकि उनको अपना पिछला आईपीएल सीजन संयुक्त अरब अमीरात में कराना पड़ा था और अब कोरोना के चलते 4 मई को इस लीग का 2021 सीजन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। रिपोर्ट यह भी कहती हैं भारत में यही सूरते हाल चलता रहा तो T20 विश्व कप की मेजबानी मिलनी भी मुश्किल है। आईपीएल से पहले भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू द्विपक्षीय सीरीज सफलतापूर्वक पूरी की थी जिसमें 4 टेस्ट मैच खेले गए थे लेकिन वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अक्टूबर में होने वाली घरेलू सीरीज के लिए शायद विंडो नहीं तलाश पाएंगे क्योंकि आईपीएल को पूरा कराना ज्यादा जरूरी लगता है। ऐसे में बीसीसीआई के पास मिली-जुली सफलता ही रही।
उन्होंने किसी तरह से रणजी ट्रॉफी सीजन पूरा कराया जबकि पिछला सीजन कैंसिल हो गया था। इस दौरान विजय हजारे का 50 ओवर का टूर्नामेंट भी हुआ जबकि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी भी हुआ। महिला क्रिकेट की भी शुरुआत हुई जब दक्षिण अफ्रीका भारत आया और लखनऊ में मुकाबले खेले गए। लेकिन भारत में कोरोना की दूसरी लहराने के बाद स्थिति बहुत तेजी से बदली और तमाम सावधानियों के बावजूद बीसीसीआई को आईपीएल स्थगित करना पड़ा।
जोफ्रा आर्चर ने कराई कोहनी की सर्जरी, जानिए कब तक लौटेंगे मैदान पर
कुछ देशों ने अच्छा करके दिखाया-
दूसरे देशों ने अच्छा किया है। न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश की मेजबानी इस दौरान की। इस दौरान वेस्टइंडीज ऐसा बोर्ड बना जिसने अपनी T20 फ्रेंचाइजी लीग को अपने ही घर में बिना किसी रूकावट के पूरा किया। इसके लिए उन्होंने सभी खिलाड़ियों को एक ही होटल में रखा और 1 दिन में एक ही शहर में दो मुकाबले कराए जाते थे। इस साल भी कैरेबियन प्रीमियर लीग एक ही जगह पर होगी। ऐसा लगता है बीसीसीआई को इन चीजों से सबक लेना चाहिए था। अब वेस्टइंडीज की टीम अपनी घरेलू गर्मियों में दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी करने के लिए तैयार है जो कि जून से अगस्त के बीच में होगी। यहां आपको बता दें कि न्यूजीलैंड वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया में कोरोनावायरस के केस अपेक्षाकृत कम हुए थे लेकिन इंग्लैंड में पहली लहर ने काफी आतंक मचाया था।
इंग्लैंड ने इससे निपटने के लिए लॉकडाउन लगाया और पूरे देश को बहुत अच्छी तरीके से वैक्सीन से कवर करने का प्रोग्राम भी चलाया इसके बाद एक अनिवार्य फॉर स्टेप रोड मैप, जो कि 8 मार्च 2021 से प्रभावी हो गया था, भी चलाया जिसने इंग्लैंड में सामान्य जनजीवन को स्थापित करने भी सहायता की। एशिया के देशों के साथ नहीं हुआ।
इंग्लैंड अग्रणी साबित हुआ-
दूसरी बात यह है किइंग्लैंड के क्रिकेट बोर्ड को पिछले साल करीब 100 मिलियन पाउंड का नुकसान हुआ जिसकी भरपाई करनी उनको जरूरी थी। इसके चलते ईसीबी ने out-of-the-box उपाय तलाशे और बायो बबल को क्रिएट करने वाला पहला देश बना। इसके अलावा इंग्लैंड काफी बारीकी से डाटा एकत्र करने पर भी काम करने लगा है। आने वाले दिनों में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमें लंदन और बर्मिंघम में खेलती हुई दिखाई देंगी जिसमें लॉर्ड्स का टेस्ट मैच 25% दर्शकों की उपस्थिति का गवाह बनेगा। जबकि बर्मिंघम में होने वाला एजबेस्टन टेस्ट मैच एक 'पायलट इवेंट' स्टेटस को हासिल कर चुका है इसका मतलब यह है कि यहां पर होने वाले मुकाबले से बहुत महत्वपूर्ण वैज्ञानिक डाटा जुटाया जाएगा जिसकी रिसर्च की जाएगी। फिर यह फैसला आगे लिया जाएगा कि बड़ी प्रतियोगिताओं को किस पैमाने पर खोला जाए कि वह सुरक्षित रहें। एजबेस्टन में करीब 18000 दर्शक रोजाना आएंगे जो कि स्टेडियम की कैपेसिटी का 70% है। जिनके पास टिकट होंगे उनको उपस्थिति के दिन से 24 घंटे पहले कोविड-19 की रिपोर्ट प्रस्तुत करने अनिवार्य होगी। इसके अलावा लॉर्ड्स में अंदर और बाहर जाने के लिए खास दरवाजे हैं, वनवे सिस्टम है।
काउंटी मैचों में पहले ही सीमित संख्या में दर्शक आ रहे हैं ऐसे में यह इंग्लैंड क्रिकेट के लिए अच्छी बात है कि एजबेस्टन टेस्ट मैच बिना किसी दिक्कत के समाप्त हो जाए। इसके अलावा इंग्लिश क्रिकेट टीम में बबल कहने की जगह 'टीम का वातावरण' कहने की संस्कृति पर अधिक जोर दिया जा रहा है क्योंकि बबल को लेकर पहले ही नकारात्मक अवधारणाएं जुड़ चुकी है। समय यह बताएगा कि इंग्लैंड अपने प्रयासों में कितना सफल साबित होता है लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि क्रिकेट को फिर से नार्मल करने में यह अग्रणी देश रहा है।