नई दिल्लीः जिस तरीके से भारत अपनी 1983 की जीत को याद करता है उसी तरह से पाकिस्तान की 1992 विश्व कप जीत को भी क्रिकेट इतिहास में अप्रत्याशित परिणामों में से एक के रूप में याद किया जाता है। पूर्व कप्तान इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान की 1992 की टीम में कुछ बेहतरीन नाम थे। इमरान तब 40 के हो चुके थे और बतौर ऑलराउंडर अपने बेहतरीन दिन पीछे छोड़ चुके थे लेकिन उनकी कप्तानी का जादू था जिसके चलते पाकिस्तान आला कमान ने खान को यह प्रतियोगिता खेलने के लिए मनाया।
जब पाकिस्तान ने इंग्लैंड से भिड़ने के लिए फाइनल में जगह बनाई, तो कई लोगों को उम्मीद थी कि इंग्लैंड जीत जाएगा। लेकिन अंत में, इमरान खान की टीम ने अपने पहले एकदिवसीय विश्व कप खिताब को हासिल करने के लिए बहुत दृढ़ संकल्प और जज्बा दिखाया।
वसीम अकरम ने किया खुलासा, क्यों नहीं बनना चाहते पाकिस्तान टीम के कोच, भारत से सबक लेने को कहा
पाकिस्तान के पूर्व सलामी बल्लेबाज आमेर सोहेल तब एक नई प्रतिभा के तौर पर टीम में शामिल हुए थे। बाद में उन्होंने सईद अनवर के साथ मिलकर 90 के दशक की चर्चित बाए हाथ के बल्लेबाजों की जोड़ी बनाई। क्रिकेट लाइफ स्टोरीज यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए सोहेल ने कहा कि इमरान विश्व कप में चोटों से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने जावेद मियांदाद की बात ली कि कि बतौर कप्तान उनको सामने से लीड करना ही होगा। वर्ना एक समय वे पाकिस्तान लौटने की भी सोचने लगे थे।
पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज ने आगे कहा कि इमरान युवाओं को प्रेरित करने में महान थे और आगे याद किया कि कैसे पूर्व कप्तान ने अभ्यास खेलों के दौरान उनकी मदद की। सोहेल ने कहा, "मैं विश्व कप के लिए अंतिम टीम में नहीं था, मैं ट्रायल पर था। इसलिए, मैंने अभ्यास खेलों में कुछ रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कैनबरा में अभ्यास मैच में मुझे 70 रन मिले। खेल के बाद, इमरान मुझे होटल के रिसेप्शन में एक तरफ ले गया और कहा, 'तुमने वास्तव में अच्छा खेला। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप पूरा विश्व कप खेल रहे होंगे। यहां तक कि अगर आप लगातार 10 डक स्कोर करते हैं, तब भी मैं आपको फाइनल में खिलाऊंगा।"
इमरान को पाकिस्तान के सबसे महान कप्तान और विश्व क्रिकेट के ऑल-टाइम महानतम कप्तानों में गिना जाता है।