अग्रवाल नाम के बुकी ने किया लगातार संपर्क-
बातचीत में आईपीएल के मामले में एक संभावित भारत कनेक्शन को भी उजागर किया। आईसीसी के मुताबिक शाकिब से पहली बार तब संपर्क किया गया था जब वह बांग्लादेश प्रीमियर लीग में ढाका डायनामाइट्स टीम के सदस्य थे और यह मुकाबले 4 नवंबर और 12 दिसंबर 2017 के बीच खेला गए थे। आईसीसी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, "उन्हें पता था कि किसी और व्यक्ति ने अग्रवाल को उनका टेलीफोन नंबर प्रदान किया है। अग्रवाल ने इस व्यक्ति को बांग्लादेश प्रीमियर लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए संपर्क प्रदान करने के लिए कहा था, "। शाकिब को बांग्लादेश, श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच एक ट्राइ-सीरीज में भाग लेने वाली बांग्लादेश टीम का हिस्सा चुना गया था। इस श्रृंखला के दौरान, उनके और अग्रवाल के बीच व्हाट्सएप पर बात और आगे बढ़ी। 19 जनवरी 2018 को, उन्होंने अग्रवाल से एक व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त किया, जिसमें उन्हें उस दिन के खेल में मैन ऑफ द मैच के लिए बधाई दी गई। अग्रवाल ने इसके बाद एक और मैसेज दिया, "क्या हम इसमें काम करें या मैं आईपीएल तक इंतजार करूं?"।
जानिए, कैसे अंदर की जानकारी मांगता था बुकी-
इस संदेश में "काम" का मतलब यह था कि शाकिब अग्रवाल को अंदर की जानकारी देने का काम करें। शााकिब ने अग्रवाल से एसीयू या किसी अन्य भ्रष्टाचार विरोधी ऑथोरिटी से इस संपर्क की सूचना नहीं दी। 23 जनवरी 2018 को, उन्होंने अग्रवाल से एक और व्हाट्सएप संदेश प्राप्त किया, जिसमें अग्रवाल ने उन्हें लिखा था- "भाई इस सीरीज में कुछ हैं क्या?" शाकिब ने पुष्टि की है कि इस मैसेज में अग्रवाल सीरीज के अंदर की जानकारियां चाह रहा था। शाकिब ने एक बार फिर से एसीयू या किसी अन्य भ्रष्टाचार-विरोधी प्राधिकरण को मामले की सूचना नहीं दी। 26 अप्रैल को शाकिब किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अपने आईपीएल मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेले। उन्हें उस दिन अग्रवाल से एक व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या उस दिन कोई विशेष खिलाड़ी खेल में खेलने वाला था, यानी फिर से अंदर की जानकारी मांगी जा रही थी।
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आईसीसी को ना बताकर शाकिब ने कर दी देर-
अग्रवाल ने बिटकॉइन, डॉलर खातों के बारे में बात करके उनके साथ यह बातचीत जारी रखी और उनसे (शाकिब) उनके डॉलर खाते का विवरण मांगा। इस बातचीत के दौरान, उन्होंने (शाकिब) अग्रवाल से कहा कि वह उनसे पहले मिलना चाहते हैं। 26 अप्रैल 2018 को इन संदेशों में कई डिलीट गए संदेश भी शामिल थे। शाकिब ने पुष्टि की कि इन हटाए गए संदेशों में अग्रवाल एक बार फिर अंदरूनी जानकारी मांग रहा था। शाकिब को बातचीत के बाद लग रहा था कि अग्रवाल एक बुकी (सट्टेबाज) हैं। हालांकि उन्होंने 26 अप्रैल 2018 को अग्रवाल से हुई बातचीत की सूचना एसीयू या किसी अन्य भ्रष्टाचार-विरोधी प्राधिकरण को नहीं दी। ICC ने आगे कहा कि शाकिब ने किसी भी बताया है कि उन्होंने सट्टेबाज को अंदर की कोई खबर लीक नहीं की है। "शाकिब ने एसीयू से कहा कि वह अग्रवाल के साथ किसी भी तरह की कोई सूचना शेयर नहीं की है और न ही कोई पैसा स्वीकार किया।