सचिन ने कहा कि यह 24 साल मेरे लिए एक सपने की तरह ही रहे हैं, कई चुनौतियां आयी और मैंने उनका सामना किया, उनका हल निकाला। क्रिकेट हमेशा से ही मेरे लिए आक्सीजन की तरह रहा है। अपने आगे के जीवन के बारे में सचिन ने कहा कि मैंने 24 साल क्रिकेट को दिये हैं, कम से कम मुझे 24 दिन तक आराम करने के लिए मिलना चाहिए, तभी इसके आगे के बारे में कुछ कह सकूंगा। मैं क्रिकेट से जुड़ा रहूंगा। मैं पहले भी जूनियर खिलाडि़यों से बात करता रहा हूं और आने वाले दिनों में भी उनसे अपने अनुभव बांटता रहूंगा। मेरे करिअर की जर्नी एक 'ड्रीम जर्नी' थी। मैंने कल जब अंतिम बार 22 गज की पिच की मिट्टी को अपने माथे से लगाया तो मैं काफी भावुक था क्योंकि मुझे पता था कि अब मैं देश के लिए कभी नहीं खेल पाऊंगा। 22 गज की पिच ने मुझे मेरी जिंदगी में सब कुछ दिया।
यह पूछने पर कि आपने कहा था कि जब आप खेल को इंज्वाय नहीं कर पाएंगे तो खेलना छोड़ देंगे, लेकिन आपको देखकर नहीं लग रहा था कि आप क्रिकेट इंज्वाय नहीं कर रहे हैं? सचिन ने कहा कि मैंने हमेशा ही क्रिकेट को इंज्वाय किया है, लेकिन एक ऐसा भी वक्त आता है जब आपका शरीर साथ नहीं देता है, ऐसे में आप खेल को अलविदा कहना पड़ता है। इसके लिए मैंने बीसीसीआई को खत लिखा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज मेरे करिअर के आखिरी मैच होंगे। मैं अपना आखिरी टेस्ट अपनी मां के सामने खेलना चाहता था, सबकुछ वैसा ही हुआ, उन्हें आपके द्वारा पता चल ही गया कि मेरा आखिरी टेस्ट मुंबई में होगा। वो आखिरी मैच के लिए स्टेडियम में आकर काफी खुश थी।
वेस्टइंडीज टीम के खराब प्रदर्शन के बारे में सचिन ने कहा कि यह टीम कमजोर नहीं है, उनके पास कुछ विश्वस्तरीय खिलाड़ी हैं। कभी कभी आपकी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है, हम खुद भी ऐसे दौर का सामना कर चुके हैं। इसलिए वेस्टइंडीज टीम को कमजोर नहीं समझना चाहिए।
सचिन ने अपने साथ ही भारत रत्न पाने वाले वैज्ञानिक सी एन राव को भी बधाई देते हुए कहा कि मैं उनके साथ इस अवार्ड के पाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं और उन्हें इसके लिए बधाई देता हूं।