आवाज सुनी तो लगा पटाखे हैं
टीम बस के साथ सुरक्षाकर्मी भी थे लेकिन आतंकवादियों ने गोलियां ही नहीं, बल्कि रॉकेट लॉन्चर और ग्रेनेड से भी हमला किया। सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर खिलाड़ियों को बचा तो लिया लेकिन 6 पुलिसकर्मी मारे गए। हमले में 7 श्रीलंकाई क्रिकेटर,दो सपॉर्ट स्टाफ और एक अंपायर को चोट लगी। स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट से बात करते हुए कुमार संगकारा ने कहा कि उस समय हमारी टीम का मालिश करने वाला व्यक्ति सामने ही बैठा था। हमने बंदूक की आवाज सुनी तो उसने सोचा कि वे पटाखे हैं, बाद में वो उठ गया और कहने लगा कि सब नीचे हो जाओ वे बस पर फायरिंग कर रहे हैं। दिलशान भी सामने था, मैं बस के बीच वाली सीट पर बैठा था। माहेला हमारे ठीक पीछे था जबकि मुरली माहेला के साथ बैठा था। संगकारा ने आगे कहा कि मुझे याद है, सलामी बल्लेबाज थरंगा परनविताना सामने था।
नहीं पता कैसे बचे थे
संगकारा ने कहा कि उन्होंने कई बार बस की तरफ फायरिंग की, ग्रेनेड फेंके और एक रॉकेट लॉन्चर का भी इस्तेमाल किया। मुझे नहीं पता, हम उस दिन कैसे बच पाए। इस हमले में थिलन को चोट लगी थी जबकि मुझे कंधे के पास चोट आई थी। परनविताना चिल्लाया कि उसे गोली लगी है और उसकी छाती से खून बह रहा था। हम उस समय 'ऊह' और 'आह' की आवाजें साफ सुन रहे थे। संगकारा के मुताबिक, हमला करने वालों ने ड्राइवर को मारने की काफी कोशिश की लेकिन वो हर बार बच गया।
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गोलियां चलती रहीं पर बस नहीं रूकी
बता दें कि पाकिस्तान की मेजबानी में खेली गई इस टेस्ट सीरीज का पहला मैच 22 फरवरी से खेला गया जो ड्रॉ रहा था। दूसरा मैच 1 से 5 मार्च तक खेला जाना था, लेकिन मैच के तीसरे दिन मेहमान टीम की बस पर आतंकवादी हमला हो गया। इससे श्रीलंका और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के क्रिकेटरों और खेल प्रेमियों के दिल में डर पैदा हो गया। हमले के दौरान श्रीलंकाई टीम बस के ड्राइवर मेहर मोहम्मद खलील ने अपनी सूझबूझ से काम लिया और बस को गोलियां बरसने के बावजूद नहीं रोका। हमले के बाद पाकिस्तान सेना ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को गद्दाफी स्टेडियम से एयरलिफ्ट कर एयरपोर्ट पहुंचाया।