डीआरएस के चलते खिलाड़ियों में बढ़ा है विरोध
पूर्व कप्तान इयान चैपल ने डीआरएस को क्रिकेट से हटाने की मांग करते हुए कहा है कि इसकी वजह से खिलाड़ियों में विरोध की भावना बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के बाद से जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत हुई है तब से खिलाड़ियों को टेस्ट मैच के दौरान 2 के बजाय एक पारी में 3 रिव्यू लेने का अधिकार दिया गया है।
इस बारे में बात करते हुए चैपल ने लिखा, ‘अंपायर हमेशा सही होता है और युवा क्रिकेटर को जो सबक सबसे पहले सिखाया जाता है वह यह है कि आप उसके फैसले पर बहस नहीं करेंगे। अनुशासन और आत्मनियंत्रण की यह सराहनीय प्रक्रिया अब मान्य नहीं है क्योंकि डीआरएस को लागू किए जाने से खिलाड़ियों के विरोध के एक तरीके को बढ़ावा दिया जा रहा है।'
डीआरएस के चलते घटी अंपायरों की अहमियत
ऑस्ट्रेलिया के लिए 75 टेस्ट में 5345 रन बनाने वाले इयान चैपल ने मौजूदा समय में जारी इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे डीआरएस के चलते अंपायरों की अहमियत कम हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच पहले टेस्ट के दूसरे दिन की शुरुआते में तीन फैसले बदले जाने के बाद अंपायर रिचर्ड कैटलब्रो के चेहरे पर घृणा के भाव फिलहाल इस प्रणाली को लेकर उनकी सोच का सबूत है। मेरी सहानुभूति कैटलब्रो के साथ है जो अंतरराष्ट्रीय पैनल में बेहतर अंपायरों में से एक हैं और महामारी के समय में तीसरा रिव्यू दिया जाना संकेत है कि इस प्रणाली से हेरफेर की गई है।'
डीआरएस पर नहीं है भरोसा
गौरतलब है कि साल 2008 में पहली बार डीआरएस का इस्तेमाल किया गया था, हालांकि इस तकनीक पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने लंबे समय तक भरोसा नहीं जताया था हालांकि अंत में उसे इसे स्वीकार करना पड़ा। चैपल ने डीआरएस पर बात करते हुए कहा कि उनके हिसाब से खिलाड़ियों को कभी भी फैसला लेने की प्रणाली में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं देना चाहिये।
उन्होंने लिखा, ‘ऐसा समय था जब बीसीसीआई को डीआरएस पर भरोसा नहीं था। मैं अब बीसीसीआई के साथ नहीं हूं क्योंकि अब भी मुझे डीआरएस पर अधिक भरोसा नहीं है। शुरू से ही डीआरएस अंपायरों के हाथ में होना चाहिए था, खिलाड़ियों को फैसला करने की प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। डीआरएस से जुड़े उपकरणों और कर्मचारियों पर क्रिकेट अधिकारियों का नियंत्रण होना चाहिए, टेलीविजन प्रोडक्शन कंपनी का नहीं।'