नई दिल्ली। दुनिया भर में फैली महामारी के बीच अमेरिका में जारी हिंसात्मक प्रदर्शन ने सारी दुनिया को हिला दिया है। पिछले हफ्ते अमेरिका में एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चॉविन के हाथों हिरासत में लिये गये एक अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का वीडियो सामने आने के बाद पूरे अमेरिका में हिंसात्मक प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग हिंसा भी करते हुए नजर आ रहे हैं। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी खिलाड़ी और मशहूर हस्तियां इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते नजर आ रहे हैं।
मंगलवार को वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ी डैरेन सैमी ने भी कहा था कि अमेरिका में हुई घटना का वीडियो देखने के बाद अब वक्त आ गया है कि क्रिकेट जगत को अश्वेतों पर हो रही नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा होना होगा। अगर आईसीसी ऐसा नहीं करता तो उसे भी इस समस्या का हिस्सा ही माना जायेगा।
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सैमी से पहले क्रिस गेल समेत अन्य खिलाड़ियों ने भी नस्लवाद पर आपनी राय रखी थी। अब इस बात को लेकर आईसीसी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें साफ किया है कि वह मानता है कि क्रिकेट में बिना विविधता के यह खेल अधूरा है।
आईसीसी ने अपनी बात को कहने के लिये शुक्रवार को एक 90 सेकंड का एक छोटा सा वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया जो कि 2019 विश्व कप फाइनल मैच के आखिरी पलों का है। इसमें दिखाया गया है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए इस मैच में बारबाडोस में जन्में जोफ्रा आर्चर सुपर ओवर कर रहे हैं। जबकि टीम की कमान आयरिश खिलाड़ी इयोन मॉर्गन के हाथ में है। विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स न्यूजीलैंड से हैं तो टीम के 2 स्पिनर मोईन अली और आदिल राशिद पाकिस्तानी मूल के हैं, वहीं सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय साउथ अफ्रीकी मूल के निवासी हैं।
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इसके साथ ही आईसीसी ने कैप्शन कहा, 'विविधता के बिना क्रिकेट कुछ भी नहीं है। विविधता के बिना असली तस्वीर आपके सामने नहीं आती।'
आपको बता दें कि वेस्टइंडीज की टीम को 2 बार टी20 विश्व कप जिताने वाले कप्तान डैरेन सैमी ने नस्लवाद के खिलाफ बात करते हुए आईसीसी से अपील की थी कि वह अश्वेत क्रिकेटरों के समर्थन में सामने आये और अपना रुख साफ करे। वहीं क्रिस गेल ने क्रिकेट में नस्लवाद की मौजूदगी का दावा करते हुए कहा था कि सिर्फ फुटबॉल ही नहीं क्रिकेट भी इससे भरा पड़ा है।