नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने साल 2018 में संयुक्त अरब अमीरात की मेजबानी में हुई टी10 लीग की एक फ्रैंचाइजी के भारतीय मालिक पर बैन लगा दिया है। आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट ने टी10 लीग की जांच में बांधा पहुंचाने के लिये सिंधिज टीम के मालिक दीपक अग्रवाल पर 2 साल का बैन लगा दिया था। आईसीसी की ओर से बैन लगाये जान के बाद दीपक अग्रवाल ने जांच में बाधा डालने की बात को स्वीकार करते हुए माफी मांगी और आगे सहयोग का वादा किया। इसके बाद आईसीसी ने उन पर लगे 2 साल के बैन में से 6 महीने कम कर दिये।
आईसीसी की ओर से एंटी करप्शन यूनिट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अग्रवाल ने मैच फिक्सिंग के लिये अज्ञात आदमी 'मिस्टर एक्स' की मदद की और सबूत मिटाने में उनकी मदद की।
और पढ़ें: कभी भी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा सकता है यह बल्लेबाज, बेन स्टोक्स ने बताया नाम
आईसीसी के आदेश के अनुसार, 'अग्रवाल ने 'मिस्टर एक्स' को एक दूसरे के बीच हई बातचीत के सारे संदेश 'डिलीट' करने को कहा और एसीयू की जांच में शामिल होने से पहले उन्होंने उसका नंबर भी 'डिलीट' कर दिया।'
आईसीसी के महाप्रबंधक (इंटीग्रीटी) एलेक्स मार्शल ने कहा, 'अग्रवाल ने हमारी जांच में कई बार बाधा डालने और विलंब करने का प्रयास किया। ऐसा महज एक बार नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने यह बात स्वीकार ली और अन्य प्रतिभागियों को लेकर चल रही कई जांच के संबंध में सहायता जारी रखी। जिसका उनकी सजा पर असर पड़ा।'
और पढ़ें: एक्टर नहीं क्रिकेटर बनना चाहते थे इरफान खान, 600 रु के चलते छोड़ा खेल
आईसीसी ने अग्रवाल को आचार संहिता के 2.4.7 अनुच्छेद के तहत आरोपी बनाया और कहा कि उन्होंने फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रही एजेंसी के काम में बाधा डाली और दस्तावेजों को भी नष्ट किया। इसके साथ ही अग्रवाल पर अन्य सूचनाओं को छुपाने या इनसे छेड़छाड़ करने का भी आरोप है।