नई दिल्लीः दक्षिण अफ्रीका एक ऐसी टीम रही है जिसने अपने क्रिकेट इतिहास में आईसीसी के द्वारा कई साल का निलंबन पहले भी झेला है और अब एक बार फिर से क्रिकेट साउथ अफ्रीका पर क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था द्वारा कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। इसके चलते प्रोटियाज क्रिकेट के तीन कप्तानों ने संयुक्त बयान पर साइन किए हैं जिसमें आईसीसी के संभावित फैसले पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की गई है।
माना जा रहा है कि आईसीसी सीएसए को निलंबित कर सकती है क्योंकि वहां पर प्रशासन को लेकर डांवाडोल हालत चल रही है। खिलाड़ियों का कहना है यदि जल्द ही यह मामला नहीं सुलझाया गया तो दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों को भारत में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने जा रहे आईसीसी टी20 वर्ल्प कप में भी भाग नहीं लेने दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा, "प्रोटियाज पुरुष की टीम का नवंबर में आईसीसी वर्ल्ड टी 20 इवेंट है। क्रिकेट प्रशासन की वर्तमान स्थिति इस संबंध में हमारी तैयारी को कमजोर करती है। यहां तक कि इस आयोजन से हमारा निलंबन भी हो सकता है।"
CSA और उसके अंतरिम बोर्ड (IB) के सदस्य परिषद (MC) के बीच गतिरोध को शनिवार को एक विशेष आम बैठक (SGM) में हल किए जाने की उम्मीद थी। लेकिन यह MC द्वारा एक गुप्त मतदान के साथ समाप्त हो गया जिसने लंबे समय से अटके पड़े अनुमति ज्ञापन (एमओआई) में संशोधन के प्रस्तावों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था इन संशोधन में बोर्ड को आत्मनिर्भर बनाने और एक खुद स्वतंत्र चेयरपर्सन को लाने का सुझाव है।
खेल मंत्री नाथी मन्थ्वा ने अब संकेत दिया है कि वह संकट को दूर करने के लिए कदम उठाएंगे, जो अब 18 महीने से चल रहा है। इस समय के दौरान सीएसए में लगभग सभी शीर्ष अधिकारियों और बोर्ड ने या तो पद छोड़ दिया या खारिज कर दिया गया।
अब तीन कप्तानों का संयुक्त बयान में कहना है, "खेल में सरकारी हस्तक्षेप के भयानक परिणाम होंगे, और कप्तानों को लगता है कि इससे आईसीसी को दक्षिण अफ्रीका को निलंबित करना पड़ सकता है। दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार वापस लिया जा सकता है और आईसीसी क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका को निलंबित कर सकता है।"