खिलाड़ियों को मैदान से बाहर कर सकेंगे अंपायर
समिति ने एक अहम सिफारिश में आईसीसी से कहा है कि अंपायरों को खिलाड़ियों को गलत व्यवहार के लिए मैदान से बाहर करने की पावर होनी चाहिए। दरअसल कई बार देखा गया है कि खिलाड़ी अंपायर के फैसले से नाखुश होकर अभद्र भाषा में बात करने के साथ-साथ गलत व कभी-कभी हिंसक व्यवहार कर बैठते हैं। ऐसे में उन खिलाड़ियों पर मैच के बाद जो भी नियम है उसके मुताबिक जुर्माना लगता है लेकिन फुटबॉल की तरह उन्हें मैदान से बाहर करने का कोई नियम नहीं है। हालांकि समिति ने जोर देते हुए सिफारिश की है कि आईसीसी अंपायरों को ये पावर दे ताकि वे गलत व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को मैदान से बाहर कर सके।
तो ओलंपिक में शामिल होगा क्रिकेट
अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने सर्वसम्मति से टेस्ट क्रिकेट टूर्नामेंट को लागू करने के लिये समर्थन जताया है। समिति का मानना है कि ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के भविष्य के लिये अहम है। इसके साथ ही समिति ने सिफारिश की है कि क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल कराया जाए इसके लिए समिति ने अपना पूरा समर्थन दिया है।
तो बल्ले का आकार भी तय होगा तय
समिति ने एक बड़ा सुझाव देते हुए कहा है कि खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बल्ले के किनारों की मोटाई और गहराई पर भी प्रतिबंध लगे। इसके लिए आईसीसी एक नियम बनाए। आपको बता दें कि अभी खिलाड़ी अपने मनपसंद का बल्ला इस्तेमाल करते हैं। क्रिस गेल जैसे बड़े खिलाड़ी भारी बल्ले के इस्तेमाल के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुंबले ने कहा, "हमारे पास क्रिकेट के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बहुत समय रहा और हमने कई अहम मुद्दों पर सिफारिशें पेश की।" उन्होंने कहा कि बल्ले का आकार तय करने से गेंद और बल्ले के बीच अच्छा संतुलन बना रहेगा।
कमेटी में शामिल थे ये बड़े दिग्गज
अनिल कुंबले (अध्यक्ष), क्लेयर कॉनर, राहुल द्रविड़, एड्रियन ग्रिफिथ, महेला जयवर्धने, डेविड केंडिक्स, रिचर्ड केटलबोरो, डैरेन लेहमन, रंजन मदुगले, टिम मे, केविन ओ ब्रायन, शॉन पोलक, जॉन स्टीफनसन, एंड्रयू स्ट्रॉस, डेविड व्हाइट।