बरकरार रहेगा अंपायर्स कॉल का नियम
उल्लेखनीय है कि अंपायर्स कॉल नियम के अनुसार LBW के निर्णय पर गेंद के 50 प्रतिशत हिस्से को बॉल ट्रैकिंग में विकेट पर लगना जरूरी है, अन्यथा फैसला अंपायर्स कॉल के तहत ही लिया जायेगा। इस फैसले को ही चुनौती दी गई थी।
इस पर बात करते हुए अनिल कुंबले ने कहा,' क्रिकेट समिति की बैठक में अंपायर्स कॉल को लेकर काफी गहरी चर्चा की गई। इसमें यह लगातार चर्चा की जा रही थी कि डीआरएस को अंपायर्स से होने वाली गलती को सुधारने के लिये ही लाया गया है और तकनीकी फायदे को देखते हुए इस पर ध्यान देना चाहिये। वहीं पर तकनीकी गलती को ध्यान में रखते हुए अंपायर्स कॉल के बनाये रखने का फैसला बरकरार रखा गया है लेकिन इसमें कुछ बदलाव जरूर किये गये हैं।'
जानें क्या हैं डीआरएस में बदलाव
आईसीसी ने गुरुवार को हुई बैठक में डीआरएस को लेकर 3 बदलावों को मंजूरी दी है जिसका प्रभाव एलबीडब्ल्यू के फैसलों पर पड़ेगा। आईसीसी ने अंपायर्स कॉल में बदलाव करने की विराट कोहली की मांग को दरकिनार करते हुए उसे यथा स्थिति में बरकरार रखने का फैसला किया है। हालांकि अब एलबीडब्ल्यू के फैसलों में विकेट की चौड़ाई की तरह उसकी ऊंचाई को भी शामिल कर लिया गया है। पहले के नियम के अनुसार अगर गेंद बेल्स पर लगती है तो उसे अंपायर्स कॉल के तहत माना जाता था लेकिन अब बेल्स को भी विकेट का हिस्सा माना जायेगा और एलबीडब्ल्यू के फैसलों में गेंद के 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्से के लगने पर इसे हिटिंग ही माना जायेगा।
इसके साथ ही अब खिलाड़ी अंपायर एलबीडब्ल्यू के फैसले को चुनौती देने से पहले अंपायर से यह पूछ सकता है कि बल्लेबाज की ओर से शॉट खेलने की कोशिश की गई थी या नहीं।
शॉर्ट रन का फैसला भी थर्ड अंपायर के पास
आईसीसी ने 2019 विश्व कप के बाद से ही गेंदबाज की नो बॉल चेक करने का अधिकार थर्ड अंपायर को दे दिया है, जिसके तहत नई गेंद फेंकने से पहले तीसरे अंपायर को यह सुनिश्चित करना होता है कि डाली गई गेंद नो बॉल तो नहीं थी। वहीं अब थर्ड अंपायर को शॉर्ट रन देखने की जिम्मेदारी भी दे दी गई है, जिसके अनुसार नई गेंद फेंकने से पहले तीसरे अंपायर को सुनिश्चित करना होगा कि लिया गया रन शॉर्ट तो नहीं था।
जारी रहेंगे कोविड 19 प्रोटोकॉल्स
आईसीसी की इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि पिछले साल कोरोना महामारी से खिलाड़ियों को बचाने के लिये बनाये गये कोरोना प्रोटोकॉल जारी रहेंगे जिसका मतलब है कि न्यूट्रल अंपायर्स के बजाय घरेलू अंपायर्स को ही प्राथमिकता दी जायेगी। सभी टीमों को प्रति पारी डीआरएस का एक अतिरिक्त मौका जारी रहेगा। गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर बैन जारी रहेगा तो साथ ही टेस्ट मैचों में कोरोना वायरस की परिस्थिति के अनुसार स्थान के बदलाव का किया जा सकता है।
महिला क्रिकेट में भी हुए अहम बदलाव
आईसीसी ने महिला क्रिकेट में भी अहम बदलाव करते हुए वनडे महिला क्रिकेट से 5 ओवर के बैटिंग पावरप्ले को हटाने का फैसला किया है। इसके अलावा महिला वनडे क्रिकेट में जो भी मैच टाय होते हैं उन सभी का फैसला अब सुपर ओवर से किया जायेगा। इसके साथ ही 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में होने वाले सभी महिला क्रिकेट मैचों का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय टी20 मैचों के तहत होगा। इस बैठक में उन सभी देशों को टेस्ट और वनडे टीमों की सदस्यता देने का फैसला किया गया है जिनके पास पूरी टीम उपलब्ध हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया की मेल जोन्स और न्यूजीलैंड की कैथरीन कैम्पबेल को आईसीसी महिला क्रिकेट समिति का पूर्ण सदस्य भी नियुक्त किया गया।