हार्दिक हैं पहली पसंद
कॉफी विद करण पर विवादित बयान के बाद हार्दिक पांड्या ने भारतीय टीम में शानदार वापसी की है। विराट की 'पहली पसंद' कहे जाने वाले पांड्या के पास पावर हिटिंग और शानदार फील्डर होने के साथ-साथ मध्यम गति के तेज गेंदबाज होने की खूबी है। पांड्या किसी भी मैच में पावर पंच से मैच का रुख तय कर सकते हैं इसका नमूना उन्होंने कई मौकों पर दिखाया है। टीम से बाहर होने के बाद विराट कोहली ने पांड्या के एक बेहतर इंसान और खिलाड़ी के तौर पर सामने आने की बात कही। लेकिन क्या पांड्या का सिर्फ पांड्या होना उन्हें टीम में जगह दिलाएगा या उनका प्रदर्शन।
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पांड्या के आंकड़े
अगर आप ऑल राउंडर की हैसियत से पांड्या के आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो उन्होंने कोई ऐसी तिलिस्माई उपलब्धि या पारी नहीं खेली है जो उनकी जगह टीम में हमेशा बन जाती है। विराट के 'फेवरेट' कहे जाने वाले पांड्या और माही के करीब होना उन्हें टीम में शामिल होने में टॉनिक का कमा करता है। पाकिस्तान के खिलाफ ICC चैम्पियंस ट्रॉफी की एकलौती पारी को छोड़कर उन्होंने शायद की ODI में कोई ऐसी पारी खेली हो जो किसी को याद हो। 45 ODI की जिन 30 परियों में इन्होंने बल्लेबाजी की उनमें 29.24 की औसत से अब तक कुल 731 रन बनाए हैं लेकिन टीम में ये एक बेहतर क्षेत्ररक्षक और पार्ट टाइम गेंदबाज के तौर बेहतर विकल्प हैं।
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विजय शंकर हैं दूसरे विकल्प
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौर के बाद विजय शंकर भारत आने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ भी टीम इंडिया में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। उन्हें मुख्य चयनकरता प्रसाद ने विश्व कप 2019 के एक बेहतर विकल्प के तौर पर पेश किया है और उनके आने से टीम के डायनामिक्स चेंज होने की बात भी कही है। विजय शंकर के नाम के आगे भले ही बड़े-बड़े आंकड़े न हों लेकिन उनमें कई खूबियां हैं जो उनके लिए जैकपॉट साबित हो सकता है। जानिए क्यों वो पांड्या से बेहतर भी साबित हो सकते हैं।
क्या विजय की खूबियां पांड्या पर भारी
विजय शंकर हाई बैक लिफ्ट वाले बल्लेबाज हैं। उनकी टाइमिंग और रनिंग बिटवीन द विकेट काफी अच्छी है। घरेलू क्रिकेट में पांड्या से अधिक मैचों का अनुभव और तेज रन बनाने की क्षमता। पांड्या सिर्फ नंबर-6 या 7 के लिए उचित लेकिन शंकर को जब न्यूजीलैंड के खिलाफ ODI और टी-20 में स्विंग और तेज पिचों पर भेजा गया तो उन्होंने समझदारी भरी पारी खेली और टीम को 65 गेंदों में ४५ रनों की पारे खेलकर विकट परिस्थिति से भी बहार निकाला। पांड्या के मुकाबले तेज और स्विंग होती पिचों पर विजय एक इकोनॉमिकल गेंदबाज हैं और विकेट टू विकेट गेंदबाजी में भी माहिर। शंकर भी एक ऑल राउंडर के तौर पर अपनी खूबियों से पांड्या के मुकाबले एक बेहतर विकल्प सबैत हो सकते हैं इसका नमूना हालिया न्यूजीलैंड दौर में देखने को मिला।
जडेजा भी हो सकते हैं छुपे रूस्तम
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की घोषणा के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या जडेजा को अब विश्व कप की टीम इंडिया में जगह नहीं मिल पाएगी ? क्रिकेट विश्लेषकों की मानें तो अब उनके लिए टीम इंडिया का दरवाजा बंद हो गया है लेकिन आईपीएल खुद को साबित करने का बेहतर प्लेटफार्म है। टीम इंडिया में दो रिस्ट स्पिनर कुलदीप और चहल की मौजूदगी और केदार जाधव का 'गोल्डन आर्म' खिलाड़ी होना जडेजा की संभावनाओं को कम करता है लेकिन आईपीएल के दौरान भारतीय टीम के चयन से एक बात तय है कि शायद उनके प्रदर्शन पर भी चयनकर्ता गौर करें।
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