नई दिल्लीः भारत के अंपायर नितिन मेनन ने आईसीसी के एलीट पैनल अंपायर के तौर पर अपनी डेब्यू सीरीज में ही जबरदस्त सटीकता दिखाई है। मेनन भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज में अंपायरिंग कर रहे थे और उन्होंने जबरदस्त दबाव के बीच भी अपना काम बखूबी निभाया है। मेनन को लगता है कि जैसे क्रिकेटरों के ऊपर दबाव रहता है, फॉर्म खराब रहती है ठीक वैसे ही चीजें अंपायर के साथ भी होती हैं और वह भी बुरे वक्त से गुजर सकते हैं।
मेनन अंपायरों के हिसाब से युवा है वह केवल 37 साल के हैं और इंदौर से ताल्लुक रखते हैं। उनको जून में पिछले साल आईसीसी ने एलिट अंपायर के पैनल में शामिल किया था लेकिन उनको अपना पहला बड़ा असाइनमेंट हासिल करने में फरवरी तक का इंतजार करना पड़ा। आईसीसी ने उनको भारत और इंग्लैंड के बीच चार टेस्ट मैच, 5 में से 3 T20 इंटरनेशनल और 3 वनडे इंटरनेशनल में नियुक्त किया था।
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उन्होंने अपनी परफॉर्मेंस से सभी का दिल जीता है और समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए उन्होंने बताया है कि पिछले 2 महीने बहुत ही अच्छे रहे हैं और उन्होंने उनको काफी संतुष्टि भी दी है। आपको बता दें मेनन इस समय आईपीएल से पहले चेन्नई में क्वारेंटाइन पीरियड गुजार रहे हैं।
मेनन जानते हैं कि जिस टेस्ट सीरीज में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप दांव पर लगी हो वह कितनी चैलेंजिंग होगी और ऊपर से दोनों टीमें अच्छी ओवरसीज विजय के साथ आ रही थी और साथ ही भारतीय पिचे अंपायरिंग करने के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण होती हैं। मेनन ने भारत और इंग्लैंड को टॉप की दो टीमें बताया है और कहा है कि जो भी उन्होंने उस सीरीज में एक अंपायरिंग टीम के तौर पर किया वह काफी अच्छा था।
आपको बता दें कि मेनन आईसीसी एलीट पैनल में केवल तीसरे भारतीय अंपायर हैं इससे पहले एस वेंकटराघवन और एस रवि भी रह चुके हैं। अधिकतर मौकों पर अंपायरिंग करते हुए मेनन काफी शांत दिखाई दिए और उनके खिलाफ जो 40 रेफरल लिए गए थे उनमें से केवल 5 को ही बदला गया। एलबीडब्ल्यू देने में भी उनकी सटीकता जबरदस्त थी क्योंकि उनके 35 पगबाधा रेफरल में केवल दो ही पलटे गए।
मेनन का कहना है कि अंपायरिंग पूरी तरह से मानसिक दृढ़ता का खेल है। यहां जितना ज्यादा दबाव होगा उतना ही ज्यादा आपको फोकस करना होगा।
मेनन ने मध्य प्रदेश के लिए दो लिस्ट ए गेम्स खेले हैं और वे अंपायरों की फैमिली से आते हैं। अपनी निरंतर परफॉर्मेंस के चलते मेनन अब अपने सपने को साकार करने के काफी करीब पहुंच गए हैं जो कि एशेज में अंपायरिंग करने का है। लेकिन कोविड-19 के प्रतिबंध को देखते हुए यह काम आसान नहीं होने जा रहा है।