नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से हाल ही में लिये एक निर्णय ने सभी को हैरान कर दिया जिसमें उसने आईसीसी के 2024 से 2034 तक के फ्यूचर प्लान के तहत ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट कराने के प्लान पर सहमति देने का फैसला किया। बीसीसीआई ने पहले ही आईसीसी के इस फैसले पर अपनी आपत्ति जाहिर कर दी थी लेकिन बाद में जब इस पर वोटिंग हुई तो भारतीय बोर्ड ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ इसके पक्ष में वोट किया। इतना ही नहीं खुद बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इस फैसले पर हस्ताक्षर करने का काम किया। बीसीसीआई के इस फैसले के पीछे का कारण अभी तक सस्पेंस बना हुआ था, हालांकि अब बोर्ड के ऐसा करने के पीछे की वजह सामने आ गई है।
इस मुद्दे पर मिली ताजा जानकारी के अनुसार बीसीसीआई ने यह फैसला आईपीएल को ध्यान में रखते हुए एक व्यापार की तरह की किया जिसमें बीसीसीआई ने ज्यादा आईसीसी टूर्नामेंट कराने के फैसले का समर्थन किया तो वहीं पर बदले में आईसीसी ने आईपीएल में दो नई टीमें जोड़ने के बाद आईपीएल विंडो को बढ़ाने के फैसले पर हरी झंडी दे दी है।
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उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई अगले साल से आईपीएल में 10 टीमों के साथ टूर्नामेंट कराने की योजना बना रहा है, जिसका मतलब है कि उसे आईपीएल में ज्यादा मैच कराने के लिये ज्यादा विंडो की जरूरत होगी। इसी कारण बीसीसीआई ने कम ही ज्यादा है कि अपनी एप्रोच को बदलते हुए 1 जून को आयोजित की आईसीसी की जनरल मीटिंग में हर साल एक टूर्नामेंट की मेजबानी कराने के फैसले पर हामी भर दी।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी ने बीसीसीआई को आधिकारिक रूप से आईपीएल में दो नई टीमें जोड़ने की अनुमति दे दी है साथ ही अगले साल से आईपीएल को आयोजित करने के लिये बड़ी विंडो देने को भी मंजूरी मिल गई है। गौरतलब है कि सौरव गांगुली ने इस मुद्दे को लेकर पहले कहा था कि आईसीसी को फीफा की तर्ज पर कम में ज्यादा का फॉर्मूला अपनाना चाहिये, जहां पर 4 साल में एक बार विश्व कप का आयोजन होता है, हालांकि बाद में चीजें पूरी तरह से बदल गई हैं।
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उन्होंने कहा था,' कभी-कभी जीवन में कम ही ज्यादा होता है और आपको इसका ध्यान रखना होता है। फुटबॉल विश्व कप 4 साल में एक बार होता है और फैन्स इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं, आईसीसी को भी इसे समझना चाहिये। हालांकि मैं अभी इस मुद्दे पर बोलने की स्थिति में नहीं हूं और जब मुझे मौका मिलेगा तो मैं इस पर अपना पक्ष जरूर रखूंगा।'