क्या कहा आईसीसी ने
आईसीसी ने कहा, ''अंपायर नियमों की व्याख्या के साथ मैदान पर निर्णय लेते हैं और हम नीति के मामले में किसी भी निर्णय पर टिप्पणी नहीं करते हैं।'' क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था के इस जवाब के बाद यह भी साफ हो गया कि वे इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। यानि कि मैदानी अंपायर का फैसला यहां भी आखिरी फैसला माना गया। हालांकि 'ओवर थ्रो' मामला उस समय ज्यादा आग पकड़ता नजर आया जब आईसीसी द्वारा 5 बार बेस्ट अंपायर का अवार्ड जीत चुके साइमन टॉफेल ने इसपर टिप्पणी दी थी।
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मशहूर अंपायर टॉफेल ने समझाया था रूल
टॉफेल ने इस पर कहा था कि यह बहुत बड़ी गलती है। धर्मसेना ने गलत फैसला किया। उन्होंने ओवर थ्रो पर पेनल्टी और रनों के जुड़ने का नियम भी बताया था। उन्होंने क्रिकेट के नियम बनाने वाली सर्वोच्च संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के रूल बुक कहा हवाला देते हुए कहा, ''आईसीसी के नियम 19.8 के मुताबिक, ओवर थ्रो पर गेंद बाउंड्री पार जाती है तो उसमें बल्लेबाजों द्वारा पूरे किए गए रन भी जुड़ते हैं। अगर बल्लेबाजों ने थ्रो करने से पहले एक-दूसरे को क्रॉस कर लिया है तो ओवर थ्रो में वह रन भी जोड़ा जाता है। अगर फील्डर के थ्रो फेंकने से पहले बल्लेबाजों ने एक-दूसरे क्रॉस नहीं किया हो तो वह रन नहीं जोड़ा जाएगा।''
यही 6 रन पड़े न्यूजीलैंड को भारी
बता दें कि इंग्लैंड को आखिरी ओवर में जीत के आखिरी 3 गेंदो में 9 रन चाहिए थे, कि तभी चाैथी गेंद पर ओवर थ्रो के कारण न्यूजीलैंड ने 6 रन गंवा दिए। इसके बाद आखिरी 2 गेंदों में इंग्लैंड ने 2 रन बनाकर मैच टाई कर दिया। इसके बाद मैच सुपर ओवर तक गया। यहां भी दोनों टीमों ने 15-15 रन बनाए, यानि कि सुपर ओवर भी टाई। लेकिन आईसीसी के अनोखे नियम के तहत इस मैच में ज्यादा बाउंड्री लगाने के आधार पर इंग्लैंड को विजयी घोषित कर दिया गया।
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