नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल की एंटी करप्शन बॉडी ने गुरुवार को यूएई क्रिकेट टीम के दो खिलाड़ियों पर भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाये जाने के बाद कड़ी सजा सुनाई है। यूएई के बल्लेबाज अश्फाक अहमद और तेज गेंदबाज आमिर हयात पर आईसीसी ने 8 साल का बैन लगाया है। आईसीसी की ओर से जारी किये गये बयान के अनुसार दोनों खिलाड़ियों पर लगा यह बैन 13 सितंबर 2020 से लागू है जब दोनों खिलाड़ियों को आईसीसी मेन्स टी20 विश्व कप क्वालिफॉयर के दौरान मैच फिक्सिंग करने के लिये रिश्वत के आरोप लगे। आईसीसी ने दोनों खिलाड़ियों पर आरोप सामने आने के तुरंत बाद सस्पेंड कर जांच के आदेश दिये थे।
आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट के चीफ एलेक्स मार्शल ने एक बयान जारी करते हुए कहा,'आमिर और अश्फाक दोनों ने अंतर्राष्ट्रीय पर लंबे समय तक क्रिकेट खेला है जो यह समझने के लिये काफी है कि मैच फिक्सर्स क्रिकेट के लिये कितना बड़ा खतरा हैं। दोनों खिलाड़ियों ने आईसीसी की एंटी करप्शन बॉडी की ओर से फिक्सिंग से बचने के लिये चलाये गये कई एजुकेशनल सेशन में हिस्सा लिया और अच्छे से इस बात से परिचित थे कि भ्रष्टाचार से जुड़ी गतिविधियों से बचने के लिये क्या करना चाहिये। इसके बावजूद उन्होंने भ्रष्टाचार में साथ दिया। इन पर लगा यह लंबा बैन बाकी खिलाड़ियों के लिये चेतावनी का काम करेगा।'
आईसीसी ने बयान में आगे कहा है कि आमिर और अश्फाक दोनों मैच का नतीजा बदलने के लिये रिश्वत लेने के आरोपो में दोषी पाये गये हैं और अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान उन गतिविधियों में लिप्त रहे जिससे मैच के रिजल्ट या उसके आगे बढ़ने के तरीके को प्रभावित किया जा सके।
यूएई क्रिकेट टीम के दोनों खिलाड़ी आईसीसी के एंटी करप्शन कोड के 5 आर्टिकल के तहत दोषी पाये गये हैं जिसके तहत उन पर गिफ्ट, पेमेंट, हॉस्पिटलिटी और अन्य तरीकों से मिलने वाली रिश्वत के बारे में सूचित न करने का आरोप लगा है।
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आईसीसी ने खिलाड़ियों को अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ जवाब देने को लेकर 14 दिन का समय दिया थाा लेकिन जब 13 सितंबर के बाद से 14 दिन तक वह कुछ भी सफाई पेश कर पाने में नाकाम रहे तो आईसीसी ने जांच कराने का आदेश दिया। आईसीसी ने साफ किया है कि वह अब इस मामले पर और कुछ भी नहीं कहेगी और 8 साल के बैन के साथ केस खत्म कर दिया है।