नई दिल्ली। पर्थ के नए ऑप्टस स्टेडियम पर सबको एक बेहतरीन टेस्ट मैच होने की उम्मीद थी। ऐसा हुआ भी, लेकिन इसमें पिच के योगदान से ज्यादा दोनों टीमों के खिलाड़ियों के जुझारूपन का ज्यादा हाथ था। इस 'ड्राप इन' पिच ने ऐसा अनियमित उछाल पूरे टेस्ट मैच के दौरान दिखाया कि बल्लेबाजों के पसीने छूट गए। खासकर पुच्छले क्रम के बल्लेबाजों से तो बैटिंग करवाना किसी जोखिम मोल लेने से कम नहीं था। पिच की ये सब रिपोर्ट्स आईसीसी तक पहुंच चुकी है।
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने इस पिच को औसत रेटिंग दी है। यह आईसीसी की टेस्ट मैदानों और पिच को रेटिंग देने के सबसे निचले मापदंडों में से एक है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आईसीसी के मैच रेफरी रंजन मदुगले ने पिच पर अनियमित उछाल के कारण इस विकेट को औसत रेटिंग दी। बता दें कि आईसीसी ने क्रिकेट में पिच की स्थिति को सुधारने के लिए रेंटिग सिस्टम तय किया हुआ है। इसमें बहुत अच्छी, अच्छी, औसत, औसत से कम और खराब श्रेणी शामिल है।
गौरतलब है कि इस 'औसत' पिच पर कंगारू बल्लेबाज फिंच, मोहम्मद शमी की गेंद पर चोटिल होकर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे। गेंद उनके दाहिने हाथ के ग्लब्स पर लगी थी। भले ही वह किसी गंभीर चोट से बच गए थे, लेकिन इसका पूरी असल ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी पर पड़ा। दूसरे दिन फिर से बल्लेबाजी के लिए आए फिंच पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे। भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों को भी इस नए स्टेडियम की पिच पर दिक्कतें आई थी।