नई दिल्ली। दुनियाभर में प्रवासी कामगारों और उनके परिवार के सदस्यों के अधिकार और सुरक्षा के लिए हर वर्ष 18 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2000 में विश्व में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 18 अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में घोषित किया था। अब इस दिवस के दो दिन बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने यह बताने का प्रयास किया कि क्रिकेट में पूरे विश्व के लोगों को एक करने की काबिलियत है।
आईसीसी ने यह बताने का प्रयास किया है कि आखिर कैसे प्रवासी लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। आईसीसी ने एक बयान में कहा है कि यूएनएचसीआर विश्व प्रवासी दिवस मुहिम का मकसद यह बताना है कि इस समाज में हर कोई, चाहे वो फिर कोई प्रवासी ही क्यों न हो, वो अपना योगदान दे सकता है।
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आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनु साहनी ने कहा ने इस माैके पर कहा, "क्रिकेट में लोगों को एकजुट करने, समुदायों को साथ लाने और मुश्किलों को पूरी तरह से खत्म करने की ताकत है। क्रिकेट में पूरे विश्व के लोगों को एक करने की काबिलियत है। यह ऐसा खेल है जो हर किसी के लिए है। आईसीसी संयुक्त राष्ट्र के विश्व प्रवासी दिवस को मानती है और जिन लोगों के पास अपना स्थान नहीं हैं उनकी जिंदगी में क्रिकेट क्या रोल निभाता है इसका जश्न मनाती है।"
To mark @UN #WorldRefugeeDay 2020, here are some examples of how cricket is being used as a source for good to help shape healthy, active and caring societies around the world ❣️ pic.twitter.com/3SRXLBZUik
— ICC (@ICC) June 20, 2020
बता दें कि स्वीडन में पिछले पांच सालों में क्रिकेट के प्रति लोगों का जुनून ज्यादा देखने को मिला है। यहां क्रिकेट खेलने वालों की संख्या में 293 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2019 में इस देश में क्रिकेट खेलने वालों की संख्या 10,000 तक हो गई थी। वैश्विक तौर पर अफगानिस्तान, जर्मनी, लेबनान और स्वीडन ने क्रिकेट के माध्यम से कई बाधाएं को तोड़ा है साथ ही यह क्रिकेट में एक नया बाजार बनकर उभरे हैं।
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