लंदन। जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। गुरुवार को लंदन में आईसीसी की सालाना बैठक में यह फैसला लिया गया। जिबांब्वे पर यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि वह बोर्ड सरकारी हस्तक्षेप को खत्म करने के अपने वादे को पूरा करने में नाकाम रहा है। आईसीसी ने यह फैसला जिम्बाब्वे सरकार द्वारा वहां के क्रिकेट बोर्ड को निलंबित किए जाने के बाद लिया है। आईसीसी ने जिम्बाब्वे के अलावा क्रोएशिया क्रिकेट फैडरेशन को भी सस्पेंड किया है।
आईसीसी के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने बताया कि जिंबाब्वे ने आईसीसी के नियमों का उल्लंघन किया है इसी वजह से उनपर प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे खेल भी राजनीतिक दखल से दूर रहे। जिम्बाब्वे क्रिकेट लोकतांत्रिक तरीके से निष्पक्ष चुनाव कराने का माहौल तैयार करने और क्रिकेट के प्रशासन में सरकार के दखल को दूर रखने में नाकाम रहा है।
शशांक मनोहर ने कहा कि, किसी सदस्य को सस्पेंड करने का फैसला हम हल्के में नहीं लेते लेकिन हमें खेल को राजनीतिक दखलअंदाजी से दूर रखना ही होगा। उन्होंने कहा कि, जिंबाब्वे में जो हुआ वो आईसीसी के संविधान का गंभीर उल्लंघन है और हमें इस स्थिति को ऐसा ही नहीं बने रहने दे सकते। आईसीसी चाहता है कि जिंबाब्वे में क्रिकेट जारी रहे लेकिन ऐसा आईसीसी के संविधान के नियमों के अनुरूप हो।'
आईसीसी के इस फैसले के बाद जिम्बाब्वे क्रिकेट को आईसीसी की ओर से कोई पैसा नहीं मिलेगा। साथ ही जिम्बाब्वे की टीम किसी आईसीसी इवेंट में भी नहीं खेल पाएगी। जिस समय आईसीसी ने यह फैसला किया उस समय जिम्बाब्वे और आयरलैंड के बीच वनडे सीरीज चल रही है। जिम्बाब्वे क्रिकेट पर लगे इस बैन के बाद अब उसका इसी साल अक्टूबर में पुरुष टी20 वर्ल्ड कप क्वालीफायर में उसकी भागीदारी खतरे में पड़ गई है।
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