फॉलोऑन के बाद सबसे बड़ी जीत
टेस्ट क्रिकेट की सबसे दुर्लभ घटनाओं में से एक है किसी टीम को फॉलो ऑन मिलने के बाद उसका मैच में जीत हासिल कर लेना। 143 साल के इतिहास में ऐसा सिर्फ 3 बार ही हुआ है। जिसमें से 2 बार इंग्लैंड और एक बार भारत ने फॉलो आन करते हुए जीत हासिल की है। कमाल की बात यह है कि इन तीनों ही मुकाबलों में विपक्षी के तौर पर ऑस्ट्रलियाई टीम सामने थी। लेकिन इस दुर्लभ घटना में भी सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड भारत के नाम है।
कोलकाता के ऐतिहासिक मैदान ईडन गार्डन्स पर साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 445 रन का स्कोर खड़ा किया, जिसका पीछा करने उतरी भारतीय टीम महज 171 रन पर आउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को फॉलोऑन खेलने के लिये बुलाया और दूसरी पारी में भारत ने वीवीएस लक्ष्मण (281) और राहुल द्रविड़ (180) की पारी की बदौलत 7 विकेट के नुकसान पर 657 रन बनाकर पारी को घोषित कर दिया। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम महज 212 रन पर ऑल आउट हो गई। इसी मैच में हरभजन सिंह ने हैट्रिक ली और टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बनें।
भारत ने यह मैच 171 रन के विशाल अंतर से जीता। भारत से पहले इंग्लैंड ने 1894 में 10 रन से और 1981 में 18 रन से ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ फॉलो ऑन के बाद मैच जीतने का कारनामा किया।
सबसे ज्यादा शतकीय और अर्धशतकीय साझेदारियों का रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट में किसी भी टीम को जीतने के लिये 2 नियमों का खास ध्यान रखना पड़ता है। पहला अच्छी गेंदबाजी और दूसरा बल्लेबाजी के दौरान अच्छी साझेदारियां। इस मामले में भी भारतीय टीम का नाम सबसे ऊपर है। टेस्ट में सबसे ज्यादा बार शतकीय और अर्धशतकीय साझेदारियों के रिकॉर्ड की बात करें तो यह भारतीय टीम के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और द वॉल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ के नाम है। इन दोनों खिलाड़ियों ने करियर के दौरान भारत के लिये 20 बार शतकीय और 29 बार अर्धशतकीय साझेदारियां की है।
200 टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी
दुनिया में सबसे लंबे समय तक (24 साल तक) क्रिकेट खेलने का रिकॉर्ड भी भारतीय खिलाड़ी के नाम है। क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 24 सालों तक क्रिकेट खेला और इस दौरान क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। अपने करियर के दौरान सचिन तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैच खेले। इस लिस्ट में कोई और खिलाड़ी उनके आस-पास भी नहीं है। सचिन तेंदुलकर ने इस दौरान 51 शतकों की मदद से 15,921 रन बनाए। जो कि शतकों की संख्या और रनों के मामले में भी सबसे ऊपर हैं।
डेब्यू मैच में लगातार 3 शतक लगाने वाले खिलाड़ी
अपने डेब्यू मैच में छाप छोड़ने की इच्छा हर खिलाड़ी के मन में होती है और इसी इच्छा के साथ कुछ ही ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जो अपने डेब्यू मैच में बड़ी पारी खेलते हुए शतक लगा दें, लेकिन क्रिकेट इतिहास में ऐसा बहुत कम देखने को मिला है कि डेब्यू मैच में जिस खिलाड़ी ने शतक लगाया हो वह अगले कुछ मैचों तक लगातार अपनी इस फॉर्म को जारी रखे। इस मामले में भी भारतीय खिलाड़ी का नाम ही सबसे ऊपर है।
हैदराबाद के स्टायलिश खिलाड़ी और पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने के साथ ही लगातार 3 मैचों में शतक बनाने का कारनामा किया जो कि आज भी विश्व रिकॉर्ड है। अजहर ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले कोलकाता फिर चेन्नई और अंत में कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में शतक लगाया था।
लगातार तीन पारियों में 3 शतक लगाने वाले कप्तान
शतक लगाने की बात हुई है तो विराट कोहली का नाम न आये ऐसा हो ही नहीं सकता। किसी भी खिलाड़ी का कप्तान बनाये जाना मतलब जिम्मेदारी का बढ़ जाना और उसका प्रभाव प्रदर्शन पर दिखना शुरू हो जाता है। लेकिन विराट कोहली की बात करें तो कप्तानी की जिम्मेदारी मिलने के बाद उनकी बल्लेबाजी और निखर गई और बतौर बल्लेबाज वो विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतर बल्लेबाज बन गये। कप्तानी मिलने के साथ ही विराट कोहली ने लगातार 3 पारियों में शतक जड़ने का कारनामा किया जो कि विश्व रिकॉर्ड है। वह बतौर कप्तान यह कारनामा करने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं।
पारी और रन के अंतर से लगातार 4 मैच जीतने वाली पहली टीम
हाल ही में कोलकाता के मैदान पर भारतीय टीम ने बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। टेस्ट क्रिकेट के 143 साल के इतिहास में भारतीय टीम इकलौती ऐसी टीम बनी जिसने लगातार 4 मैचों में पारी और रनों के अंतर से जीत हासिल की। भारत ने इससे पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 मैचों में पारी और रन से जीत हासिल की थी।
घरेलू मैदान पर सबसे ज्यादा सीरीज जीतने का रिकॉर्ड
घरेलू सरजमीं पर भारत को हराना मुश्किल ही नामुमकिन है यह कहावत विराट सेना ने बिल्कुल सही साबित कर दी। बांग्लादेश को क्लीन स्वीप करने के साथ ही भारत ने अपने घरेलू सरजमीं पर 12वीं सीरीज जीती जो कि विश्व रिकॉर्ड है। इस लिस्ट में भारत एक बार फिर टॉप पर है जबकि ऑस्ट्रेलिया 10 सीरीज के साथ दूसरे नंबर पर है।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रलिया का यह विजय रथ 2 बार रुका और दोनों बार ही भारतीय टीम ने इसे रोकने का काम किया।