नई दिल्ली: जडेजा अपने बल्ले से ऐसे जश्न मनाते हैं मानो कोई राजपूत अपनी तलवार को जंग के मैदान पर भांज रहा हो। सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने ऐसा ही किया और शिकारी कीवी खुद शिकार बन गए।
जडेजा के लिए विश्व कप में पिछला हफ्ता शानदार रहा है। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से 192 टेस्ट और 176 ODI विकेट लिए हैं जबकि उनका बल्लेबाजी औसत क्रमशः 32.28 और 30.80 रहा है। ऐसे में जब कोई आपको टुकड़ों में प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बताता है तो आपको तकलीफ होनी तय है।
ऐसे में जडेजा ने वही किया तो इस समय सबसे बेहतर विकल्प था। उन्होंने शानदार नियंत्रण के साथ गेंदबाजी की और स्वतंत्र होकर बल्लेबाजी की। उनकी पैसा वसूल फील्डिंग का तो कहना ही क्या। खासकर जिस तरह से उन्होंने 70 गज दूर से केवल एक स्टंप को निशाना बनाकर रॉस टेलर का आउट किया था वह दर्शनीय था।
सेमीफाइनल में ताबड़तोड़ पारी के बाद बोले जडेजा, 'आखिरी सांस तक अपना बेस्ट दूंगा'
इससे पहले गेंदबाजी में भी उन्होंने 10 ओवर में केवल 34 रन दिए और एक विकेट लिया। उनका प्रदर्शन देखकर ताज्जुब हो रहा था कि आखिर उनको क्यों डेढ़ साल तक बाहर बैठाया गया। जिस तरह से उन्होंने 59 गेंदों पर 77 रनों की पारी खेली वह अपने आप में बेहद खास थी। इस पारी ने भारत को जीत नहीं दिलाई लेकिन एक शर्मनाक हार से सम्मानजनक संघर्ष तक जरूर पहुंचा दिया। जिस तरह की परिस्थितियों में यह पारी आई और जिस तरह से जडेजा ने पेस और स्पिन गेंदबाजी पर प्रहार किया वह अद्भुत था।
जडेजा इस मैच में ऐसे खेल रहे थे जैसे उनको खुद के लिए या दूसरे के लिए कुछ साबित करना है। उन्होंने जश्न मनाया लेकिन यहां मुस्कान गायब थी। निश्चित तौर पर यह जडेजा का एक एंग्री यंगमैन अवतार था। कोहली ने मैच के बाद जडेजा और मांजरेकर विवाद पर बोलते हुए कहा- 'मुझे नहीं लगता कि हममे से किसी ने जडेजा से उस घटना के बाद कुछ कहा था। वह बस मैदान में उतरने के लिए बेकरार थे और आपने देखा कि वह किस जुनून के साथ खेले। हमने पहले टेस्ट मैच में भी देखा है कि वह दबाव में हमारे लिए ऐसी पारियां खेल चुके हैं।' यही नहीं कोहली ने इसको जडेजा की अब तक की बेस्ट पारी भी करार दिया।