पूनम यादव की फ्लॉप गेंदबाजी
इस विश्व कप अभियान में भारत के लिये गेंदबाजी में तुरुप का इक्का साबित हुई पूनम यादव इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फ्लॉप हो गई। पूनम यादव ने 4 ओवर गेंदबाजी की और 30 रन देकर सिर्फ 1 विकेट चटकाया। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने फाइनल मैच में पूनम यादव को संभल कर खेलने की कोशिश की और उनके खिलाफ ज्यादा रिस्क नहीं लिया। पूनम यादव ने रेचल हेन्स को बोल्ड किया।
शिखा पांडे ने गेंदबाजी में लगाया अर्धशतक
भारतीय टीम के लिये गेंदबाजी में आज दीप्ती शर्मा के अलावा कोई भी गेंदबाज अच्छा खेल नहीं दिखा सका। इस विश्व कप में इकलौती तेज गेंदबाज के रूप में खेल रही शिखा पांडे आज के मैच में काफी महंगी साबित हुई। शिखा पांडे ने आज 4 ओवर गेंदबाजी की और 13 की औसत से 52 रन लुटा दिये। एलिसा हीली ने शिखा पांडे के तीसरे ओवर में लगातार 3 छक्के भी लगाये। इस दौरान वह एक भी विकेट नहीं हासिल कर सकी।
पावरप्ले में भारतीय बल्लेबाजी का फ्लॉप शो
भारतीय टीम के लिये जिस तरह से खराब गेंदबाजी की उसे जरूरत थी उसके बल्लेबाज आज अच्छी शुरुआत दें और भारत को जीत की राह पर ले जायें। हालांकि ऐसा हो न सका और पावरप्ले के दौरान ही भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई। पहले ही ओवर में शैफाली वर्मा मेगन की गेंद पर हीली को कैच कराकर पवेलियन लौटे। वहीं दूसरे ओवर में जेमिमा रोड्रिगेज भी कैच थमाकर लौट गई। भारत ने स्मृति मंधाना के रूप में चौथे ओवर की पहली गेंद पर अपना तीसरा विकेट खोया। जबकि पावरप्ले के आखिरी ओवर में हरमनप्रीत कौर भी एश्ले गार्डनर को कैच थमाकर आउट हो गई।
पावरप्ले के दौरान भारतीय टीम ने 32 रन बनाकर 4 विकेट खोये और इसके बाद भारतीय टीम उभर ही नहीं सकी।
भारत को महंगा पड़ा एलिसा हीली -बेथ मूनी का कैच छोड़ना
भारतीय टीम के लिये ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों एलिसा हीली और बेथ मूनी का कैच टपकाना महंगा पड़ा। शैफाली वर्मा ने एलिसा हीली को पहले ही ओवर की पांचवी गेंद पर कवर्स में कैच छोड़ा जिसकी बदौलत उन्होंने 39 गेंद में 7 चौके और 5 छक्के की मदद से 75 रनों की पारी खेली। वहीं पारी के चौथे ओवर में राजेश्वरी गायकवाड़ ने अपनी ही गेंद पर बेथ मूनी का कैच छोड़ा जिसका खामियाजा यह हुआ कि उन्होंने 54 गेंद पर 10 चौकों की मदद से 78 रन बनाये।
फील्डिंग में भी फ्लॉप रही भारतीय टीम
पहली बार फाइनल मैच खेलने का दबाव कहें या लगभग 8 दिन के ब्रेक के बाद मैदान पर उतरने की वजह से भारतीय टीम पर दबाव साफ देखने को मिल रहा था। यह दबाव न सिर्फ गेंदबाजी और बल्लेबाजी में नजर आया बल्कि उसकी फील्डिंग में भी नजर आया। भारतीय टीम ने अपनी फील्डिंग के दौरान न सिर्फ कैच के मौके टपकाये बल्कि ओवर थ्रो में रन दिये और एकस्ट्रा रन दिये। फाइनल मैच में भारतीय टीम फील्डिंग में ढीली नजर आई जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को एक को 2 रन में और 2 रन को 3 में बदलने का मौका मिल गया।