नई दिल्ली: विश्व कप 2019 के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से बुरी तरह रौंदकर 27 साल बाद विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। इससे पहले इंग्लैंड की टीम 1992 के विश्व कप फाइनल में पहुंची थी और पाकिस्तान से हार गई थी। इसी के साथ एक नया इतिहास भी विश्व कप के फाइनल को लेकर बन गया है। ऐसा पहली हुआ है जब विश्व कप में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमें एक दूसरे के आमने सामने होंगी। अब इनमें से जो भी टीम फाइनल मुकाबला जीत लेगी वह पहली बार विश्व कप ट्रॉफी उठाएगी।
बता दें इससे पहले इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमों ने विश्व कप नहीं जीता है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 224 रनों का लक्ष्य दिया था जिसको मेजबानों ने आसानी से 32.1 ओवर में हासिल कर लिया।
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ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर जो काम नहीं किया वह इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने लक्ष्य का पीछा करते हुए कर दिया। जेसन रॉय एक बार इंग्लिश टॉप ऑर्डर के सुपरस्टार साबित हुए। उन्होंने जॉनी बेयरस्टो (34) के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 124 रन जोड़े। इसी पार्टनरशिप ने कंगारूओं का विश्व कप से तंबू उखाड़ दिया। रॉय ने केवल 65 गेंदों पर 85 रन बनाए और वे अंपायर के विवादित फैसले का शिकार हुए। इसके बाद जो रूट और कप्तान इयोन मॉर्गन ने बहुत ही आसानी के साथ यह लक्ष्य हासिल कर लिया। रूट 49 और मार्मन 45 रन बनाकर नाबाद लौटे।
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की कहानी कुछ-कुछ वैसी ही रही जैसी भारतीय बल्लेबाजी की रही थी। बेहतरीन फॉर्म में चल रहा कंगारू टॉप ऑर्डर यहां पर फेल हो गया और डेविड वार्नर (9) व फिंच (0) जल्दी आउट हो गए। वहीं विश्व कप में पहला मैच खेल रहे हैंड्सकॉम्ब ने 4 रन बनाए। ऐसे में स्टीव स्मिथ और कैरी ने कुछ पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन रन गति ना बढ़ने के कारण कंगारूओं की इंग्लिश गेंदबाजों के सामने एक ना चली। स्मिथ ने जहां 85 रन बनाए तो वहीं कैरी ने 46 रनों का योगदान दिया। इंग्लैंड की ओर से क्रिस वोक्स और आदिल राशिद ने 3-3 तो जोफ्रा आर्चर ने 2 विकेट लिए।