साउथैंप्टन, जून 23: भारत से हारकर भी अफगानिस्तान ने सबका दिल जीतने वाला मुकाबला खेला है। इस मैच में खास बात यह थी कि अफगानिस्तान अपने सम्मान और जुनून के लिए खेल रहा था जो पहले के मुकाबलों में नहीं दिखाई दिया था। अफगानिस्तान की टीम अगर 11 रनों मैच हार गई तो इसका कारण उसकी गैर-अनुभवहीनता नहीं थी बल्कि जसप्रीत बुमराह एंड कंपनी की जबरदस्त गेंदबाजी थी जिसमें सभी गेंदबाजों ने अपने रोल को शानदार तरीके से निभाया और शमी ने अपनी हैट्रिक लेकर मैच भारत के नाम कर दिया।
जिस तरह से अफगानिस्तान ने पिछले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 397 रन खाए थे उसने भारत को केवल 224 रनों पर रोककर पूरे 7 घंटे तक दिल जीतने वाला मैच खेला। खासकर मुजीब उर रहमान, मोहम्मद नबी, राशिद खान और रहमत शाह ऐसे खिलाड़ी हैं जो अफगान क्रिकेट को आगे ले जाने का काम करेंगे। इन चारों ने भारतीय मध्यक्रम को बांधकर रखा और विराट कोहली को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज इनके सामने सहज नहीं दिखाई दिया।
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चाहे धोनी या जाधव या फिर राहुल हों या शंकर इन चारों ने सभी बल्लेबाजों को ध्यान से खेलने पर मजबूर कर दिया। अफगानिस्तान के कप्तान गुलबदीन नायब विश्व कप से पहले राशिद खान और मोहम्मद नबी जैसे खिलाड़ियों का विरोध झेलकर टीम की अगुवाई की चुनौती को संभाल रहे हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि खिलाड़ियों में किसी किस्म का व्यक्तिगत विरोध नहीं है। नायब ने मैच के बाद कहा भी है कि एक मौके पर तो उनको लगा कि हम आसानी से यह मैच जीत जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैच के अंत में हमारी भावनाएं कलेजे से बाहर आ गई थी क्योंकि विश्व कप में आपको इंडिया जैसी टीम को हराने का मौका रोज नहीं मिलता है। इस हार के बाद नायब ने भारत को विश्व कप में अपनी सबसे पसंदीदा टीम बताया है। उन्होंने कहा, 'यह हमेशा से मेरी पसंदीदा टीम रही है और रहेगी। मैं जब भी उनको देखता हूं तो भारत को ही सपोर्ट करता हूं।'