जीवन की सब चुनौतियों को ठोका सलाम
उनको अपने घुटने की सर्जरी करानी पड़ी जिसके चलते वे डेढ़ साल तक बाहर रहे। ये चीजें ठीक होती तो तभी उनके पत्नी के साथ झगड़ों की खबरों ने सुर्खियां बटोर ली। ये शमी के करियर के लिए एक मुश्किल समय था। बाद में वे यो-यो टेस्ट पास नहीं करने के कारण जून में अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच से भी बाहर हो गए। ये एक ऐसा समय था जब या तो शमी बन सकते थे या फिर बिखर सकते थे। इसके बाद शमी ने वो रास्ता चुना जो मुश्किल जरूर था पर लेकिन अंत में वही सही साबित हुआ। उन्होंने अपनी फिटनेस पर नए सिरे से काम किया। इस फिटनेस की बदौलत आज वे ना केवल पहले से पतले और फिट नजर आ रहे हैं बल्कि अब उनकी गेंदों में रफ्तार भी बढ़ चुकी है।
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विश्व कप में पसंदीदा तेज गेंदबाज नहीं थे शमी
मजेदार बात यह है कि शमी इस विश्व कप में तीसरे तेज गेंदबाज विकल्प के तौर पर आए थे। टीम की पहली पसंद बुमराह और दूसरी पसंद भुवनेश्वर थे। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ मैच में भुवी को लगी चोट ने शमी के लिए टीम में जगह देने का रास्ता खोल दिया। इसके बाद जो हुआ वह सभी देख रहे हैं। भुवनेश्वर कुमार की चोट ना केवल शमी के लिए वरदान साबित हुई है बल्कि इस समय वे विश्व कप में जसप्रीत बुमराह के साथ भारत के टॉप स्ट्राइक गेंदबाज बन गए हैं। शमी ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच से विश्व कप 2019 में अपने सफर की शुरुआत की थी। उसी मैच में ही शमी ने हैट्रिक लेकर सनसनी मचा दी थी और तब से लेकर अब तक उनकी सफलता का घोड़ा सरपट दौड़ रहा है। शमी ने मैनचेस्टर में वेस्टइंडीज के खिलाफ भी शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट लिए। उनको पिछले मैच में भी चार विकेट मिले थे।
शमी वर्जन 2.0, ज्यादा फिट और ज्यादा तेज
शमी ने वेस्टइंडीज के सबसे खतरनाक और अनुभवी बल्लेबाज गेल को बहुत तंग किया और बाद में गेल का विकेट भी ले उड़े। मैच के बाद शमी ने माना है कि आईपीएल में एक दूसरे साथ खेलने पर उनके ये आइडिया था कि गेल को किस तरह की गेंदबाजी पर परेशान किया जा सकता है। शमी का अगला शिकार शाई होप थे जिनको शमी ने बैट-पैड के बीच गैप निकालकर क्लीन बोल्ड किया था। भारतीय टीम के स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच शंकर बसु का कहना है कि ये शमी का 2.0 अवतार है। शमी अपने इस अवतार के लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हुए कहते हैं- 'एक समय मैं अपने जीवन की सबसे बड़ी चुनौती को झेल रहा था। मैं ईश्वर का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने मुझे मेरी समस्याओं से लड़ने के लिए साहस दिया। ये समस्याएं फिटनेस और परिवार दोनों से जुड़ी हुई थी। लेकिन मैं इसके लिए खुद को भी क्रेडिट दूंगा।' शमी की इस बात से भला कौन इंकार कर सकता है।
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