2007 के बाद बदल गया भारतीय क्रिकेट
पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में रोमांचक तरीके से जीत हासिल करने के बाद भारतीय टीम और आईसीसी ट्रॉफी के बीच लुका छिपी का खेल जारी है।
2007 के बाद 5 बार आयोजित किये गये इस टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन के बीच भारतीय टीम 2 बार इस खिताब को फिर जीतने के करीब पहुंची थी। 2014 में श्रीलंका के हाथों फाइनल में हार और 2016 में अपने घर में वेस्टइंडीज के हाथों सेमी-फाइनल से बाहर होने के बाद भारतीय टीम को चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद है।
पाकिस्तान और वेस्टइंडीज जैसी टीमों ने इस प्रारूप में खुद को एक बड़ी ताकत के रूप में स्थापित कर लिया है जबकि भारतीय टीम अभी भी इस प्रारूप में अपने लिये अच्छे रिकॉर्ड की तलाश में जुटी है, इसे इस टीम की सबसे बड़ी कमजोरी कहा जा सकता है।
जीत प्रतिशत में भारत टॉप पर
अगर जीत को टीमों की सफलता का मूलमंत्र माना जाये तो भारत ने इस प्रारूप की सर्वश्रेष्ठ टीमों के मुकाबले बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है। टी20 प्रारूप में टेस्ट मैच खेलने वाले देशों की बात करें तो अफगानिस्तान की टीम का जीत प्रतिशत सबसे ज्यादा है।
वह 67.94 प्रतिशत के साथ टॉप पर है। हालांकि यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि उसने अपने ज्यादातर मैच उन एसोसिएट देशों के खिलाफ खेले हैं जो कमजोर रहे हैं।
टॉप टीमों की बात की जाये तो 63.75 के जीत प्रतिशत के साथ भारतीय टीम टॉप पर काबिज है, जिसने अब तक खेले 123 मैचों में से 76 जीते हैं। वहीं पाकिस्तान की टीम 61.82 प्रतिशत मैचों में जीत के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है। जबकि तीसरा स्थान दक्षिण अफ्रीका को जाता है, जिसका जीत प्रतिशत 60.08 है।
इस मामले में पाकिस्तान से पीछे भारत
जीते गए मैचों की संख्या की बात करें तो पाकिस्तान के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है। पाकिस्तान ने अब तक 90 टी20 मैचों में जीत हासिल की है जबकि भारत 76 जीत के साथ दूसरे स्थान पर काबिज है। वेस्टइंडीज इकलौता ऐसा देश है जिसने इस प्रारूप में 2 बार ICC T20 विश्व कप जीतने का कारनामा किया है, हालांकि इस टीम का जीत प्रतिशत सिर्फ 40 है।
इस मंत्र से भारत जीत सकता है विश्व कप
मौजूदा समय में यह टीम विश्व कप जीतने के करीब भी नहीं नजर आ रही है। T20 प्रारूप में अगर कंसिस्टेंसी एक अच्छा परिमाप हो सकता है जो यह भविष्यवाणी कर सके कि कौन सी टीम आगामी विश्व कप में खिताब हासिल कर सकती है। अगर इस मापदंड के तहत काम करें तो भारतीय टीम ने इस मामले में काफी मजबूती हासिल कर रखी है। विराट कोहली की टीम को इस बात को प्रेरणा के तौर पर लेना चाहिये।