नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के बीच अगले महीने साउथैम्पटन के मैदान पर खेले जाने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच और इंग्लैंड के खिलाफ खेली जाने वाली 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिये बीसीसीआई की चयन समिति ने शुक्रवार को 20 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान कर दिया है। इस टीम में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोट की वजह से बाहर हो गये हरफनमौला खिलाड़ी रविंद्र जडेजा, मोहम्मद शमी और हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ियों की वापसी हुई है तो वहीं पर कुछ खिलाड़ियों का पत्ता भी कटा है।
जिन खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं मिली है उसमें भारतीय टीम में हाल ही में वापसी करने वाले भुवनेश्वर कुमार, पृथ्वी शॉ और हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या का नाम भी शामिल है। वहीं भारतीय चयन समिति के इस फैसले से पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद कुछ खास खुश नजर नहीं आ रहे हैं और उन्होंने पांड्या टीम से बाहर रखने को लेकर टिप्पणी की है।
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भारतीय टीम को 18 से 22 जून के बीच विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मैच खेलना है जिसके बाद उसे 4 अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। एमएसके प्रसाद का मानना है कि अगर कोई आलराउंडर गेंदबाजी नहीं कर सके तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसे एक शुद्ध बल्लेबाज मान लें।
उन्होंने कहा,'हार्दिक पांड्या गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वो सिर्फ एक बल्लेबाज बन गये हैं। अगर वो इंग्लैंड दौरे के लिये जाते हैं तो उनकी भूमिका टीम में एक बल्लेबाज से ज्यादा की होनी चाहिये। मुझे लगता है कि उन्हें सच में गेंदबाजी नहीं करने के लिये कहा गया होगा ताकि वह इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल सकें और यह भी हो सकता है कि उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिये रिजर्व रख रहे हों। लेकिन अगर आपके पास मिडिल ऑर्डर में हनुमा विहारी और अन्य खिलाड़ी होंगे तो एक बल्लेबाज के तौर पर खेल पाना मुश्किल है।'
उल्लेखनीय है कि हार्दिक पांड्या को इस साल की शुरुआत में 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिये टीम का हिस्सा बनाया गया था। हालांकि वह प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बने थे लेकिन टी20 सीरीज के दौरान गेंदबाजी की थी। हार्दिक पांड्या जब पिछली बार इंग्लैंड दौरे पर गये थे तो उन्होंने एक मैच में 5 विकेट हासिल किये थे।
प्रसाद का मानना है कि अगर वह गेंदबाजी करने के लिये हैं तो उन्हें चुना जाना चाहिये और अगर वह बॉलिंग नहीं कर सकते तो उन्हें नहीं चुना जाना चाहिये। यह कहना उतना ही आसान है जैसे कहना हो कि किसे टीम में तभी होना चाहिये जब वो गेंदबाजी कर सकता हो। वो टीम को एक ऑलराउंडर के रूप में बैलेंस देते हैं और वो एक दिन में 12-15 ओवर की बॉलिंग करते हैं तो उनका काफी योगदान होगा। यही काम उन्होंने साल 2018 में किया था जब नॉटिघंम में उन्होंने 5 विकेट लिये थे।