नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम की मुख्य चयन समिति ने शुक्रवार को अगले महीने खेली जाने वाली विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिये 21 सदस्यीय टीम का ऐलान किया। 18 जून को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले पहले चैम्पियनशिप के फाइनल मुकाबले के लिये भारतीय टीम के कई चोटिल खिलाड़ी फिट होकर वापस लौटे हैं तो स्टैंड बाई में 3 युवा खिलाड़ियों को मौका मिला है, जिन्हें फिलहाल तो स्टैंड बाय पर रखा गया है लेकिन खिलाड़ियों को आराम देने और चोटिल होने की स्थिति में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस फेहरिस्त में बंगाल की रणजी टीम के कप्तान और युवा बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन का नाम भी शामिल है, जिनके चयन को लेकर पिछले 3 सालों से कयासों का दौर जारी था। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपनी पहली घरेलू सीरीज खेली थी और इसी सीरीज के साथ ही इस खिलाड़ी के भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने की बात शुरू हुई थी, हालांकि चयनकर्ता उन्हें जगह देने में सफल नहीं हुए।
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भारतीय क्रिकेट टीम के दूसरे सौरव गांगुली के नाम से मशहूर अभिमन्यु ईश्वरन उन टैलेंटेड खिलाड़ियों में से एक हैं जो कि घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन कर 3 साल से चयनकर्ताओं के दरवाजे पर दस्तक दे रहे थे। अभिमन्यु दबाव की परिस्थिति को हैंडल कर अच्छा प्रदर्शन करने के लिये मशहूर हैं, जिसकी झलक उनके रणजी डेब्यू के दौरान मिली थी।
सीरीज के तीसरे ही मैच में जब उनकी टीम ने 3 रन पर 2 विकेट खो दिया था तब अभिमन्यु ने 75 रनों की पारी खेलते हुए शानदार 163 रनों की साझेदारी की और 7 साल बाद पहली बार बंगाल को सेमीफाइनल में पहुंचाने का काम किया।
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गौरतलब है कि भारतीय टीम के लिये पिछले कुछ सालों में मध्यक्रम बल्लेबाजी थोड़ी समस्या का विषय बनी हुई है और हनुमा विहारी, अजिंक्य रहाणे की मौजूदा फॉर्म को देखा जाये तो चीजें आसान होती नजर नहीं आ रही। ऐसे में अभिमन्यु ईश्वरन टीम की समस्याओं का जवाब हो सकते हैं जो कि मध्यक्रम में आकर अच्छी पारियां खेल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में जीत दिला सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो भारतीय टीम का 8 साल से आईसीसी ट्रॉफी जीतने का अधूरा सपना पूरा हो सकता है।