सबसे ज्यादा अंक के बावजूद टॉप पर नहीं है भारत
वहीं दूसरे संस्करण के तहत खेली जा रही यह भारत की तीसरी सीरीज है। भारत ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत अब तक कुल 7 मैच खेले हैं, जिसमें से उसे 4 में जीत, एक में हार और 2 में ड्रॉ का सामना करना पड़ा है। जीत और ड्रॉ किये गये मैचों की बदौलत भारतीय टीम के खाते में कुल 56 अंक होने चाहिये थे लेकिन इंग्लैंड दौरे पर स्लो ओवर रेट की वजह से विराट सेना पर 2 अंकों की पेनाल्टी लगी थी जिसकी वजह से फिलहाल वह 54 अंक पर काबिज है। इस तरह से भारत के पास प्वाइंटस टेबल में सबसे ज्यादा अंक मौजूद हैं, हालांकि इसके बावजूद उसका जीत प्रतिशत महज 64.28 होने की वजह से वह अंकतालिका में चौथे पायदान पर काबिज है।
टॉप पर काबिज है ऑस्ट्रेलिया की टीम
एशेज में इंग्लैंड के खिलाफ 3 मैचों में जीत हासिल कर अजेय बढ़त हासिल करने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम 36 अंक और 100 जीत प्रतिशत के साथ टॉप पर काबिज है, तो वहीं पर श्रीलंका की टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप कर 24 अंक और 100 प्रतिशत जीत के रिकॉर्ड के साथ दूसरे पायदान पर कब्जा जमाया हुआ है। पाकिस्तान की टीम इस अंकतालिका में तीसरे पायदान पर काबिज है जिसने अब तक 2 सीरीज के तहत 4 टेस्ट मैच खेले हैं और 3 में जीत हासिल करने की वजह से उसके पास 36 अंक है और जीत प्रतिशत का रिकॉर्ड 75 है।
इंग्लैंड की टीम का है सबसे बुरा हाल
विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की अंकतालिका में सबसे बुरा हाल इंग्लैंड की टीम का है जो भारत की तरह अब तक 7 मैच खेल चुकी है लेकिन सिर्फ एक ही मैच में जीत अपने नाम करने में कामयाब रही है। बचे हुए 6 में से 5 मैचों में उसे हार और एक में ड्रॉ का सामना करना पड़ा है, जिसकी वजह से उसके कुल अंकों की संख्या 16 होनी चाहिये थी। हालांकि स्लो ओवर रेट के चलते उसे भारत के खिलाफ सीरीज में 2 और एशेज में 8 अंकों की पेनाल्टी लगी और फिलहाल उसके कुल अंक 6 ही बचे हैं। इंग्लैंड के शर्मनाक प्रदर्शन और पेनाल्टी की वजह से अंकों में हो रहे नुकसान की वजह से इंग्लैंड के पास महज 7.14 का ही जीत प्रतिशत बचा है और वो 7वें पायदान पर पहुंच गई है। वेस्टइंडीज की टीम 4 मैचों में सिर्फ एक में जीत हासिल कर सकी है और 25 प्रतिशत के साथ पांचवे पायदान पर काबिज है तो वहीं पर न्यूजीलैंड की टीम 4 अंक और 16 प्रतिशत जीत के रिकॉर्ड के साथ छठे पायदान पर काबिज है। साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश की टीम अभी खाता नहीं खोल सकी है और सबसे निचले पायदान पर पहुंचे हुए हैं।