लगते हैं इतने दिन
एक गुलाबी गेंद को तैयार करने में 7-8 दिन लगते हैं। एसजी कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद ने बताया कि लाल गेंद में चमड़े को रंगने की सामान्य प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन पिंक बॉल पर गुलाबी रंग की कई परत चढ़ाई जाती हैं, इसलिए इसे बनाने में एक हफ्ता लगता है। इस गेंद के साथ जो पहला मैच हुआ था वो 2009 में ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड की महिला टीमों के बीच खेला गया था। लेकिन पुरुष क्रिकेट में इसे आने में छह साल और लग गए। ऑस्ट्रेलिया टीम भी इस गेंद से टेस्ट मैच खेल चुकी है।
BCCI को साैंपीं 124 गेंदें
आनंद ने बताया कि फिलहाल, बीसीसीआई को 124 गेंदें सौंप दी हैं। यूं तो गुलाबी गेंद टेस्ट मैच के लिए इस्तेमाल की जाती है, लेकिन डे-नाइट टेस्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली गुलाबी गेंद लाल गेंद से बिल्कुल अलग होती है। एसजी कंपनी का कहना है कि गुलाबी गेंद की सबसे बड़ी समस्या उसके रंग और शेप को लेकर है जो बरकरार रखना मुश्किल साबित होता है जिसके चलते रिवर्स स्विंग कराना दूर की कौड़ी साबित होती है। कंपनी के अनुसार लाल गेंद का रंग गहरा होता है, जिसके चलते खिलाड़ियों को गेंद चमकाने और पूरे दिन स्विंग हासिल करने में मदद मिलती है।
जीत के इरादे से उतरेगी भारतीय टीम
गाैर हो कि भारतीय टीम 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना चुकी है। भारत ने इंदाैर टेस्ट में एक पारी और 130 रनों से पहला मैच जीता था। अब कप्तान विराट कोहली की नजरें दूसरे टेस्ट में जीत हासिल कर बांग्लादेश को खाली हाथ घर भेजने पर हैं। इससे पहले भारत ने तीन टी20 मैचों की सीरीज 2-1 से जीती थी।